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सोमवार को कशिश ने अपने पिता गिरधारी लाल के साथ क्वेटा में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती से मुलाकात की और उनसे कहा कि वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण तथा प्रांत के समग्र विकास के लिए काम करेंगी। लाल ने मीडिया से कहा, ‘‘यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि मेरी बेटी अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण सहायक आयुक्त बन गई है।’’
पेशे से एक व्यापारी लाल ने कहा कि उनकी बेटी ने हमेशा पढ़ाई करने और महिलाओं के लिए कुछ करने का सपना देखा था। बुगती ने कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपनी मेहनत और प्रयास के कारण महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कशिश देश और बलूचिस्तान के लिए गर्व का प्रतीक हैं।’’ हाल के वर्षों में, हिन्दू समुदाय की महिलाओं ने पाकिस्तान में आमतौर पर पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, तथा कई सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए महत्वपूर्ण पदों पर पहुंची हैं।
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कराची में पुलिस सब-इंस्पेक्टर पुष्पा कुमारी कोहली (35) ने कहा कि हिन्दू महिलाओं में शीर्ष पर पहुंचने के लिए दृढ़ता और बुद्धिमत्ता है। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली कोहली ने कहा, ‘‘मैंने सिंध पुलिस लोक सेवा परीक्षा भी पास की है। कई और हिन्दू लड़कियां हैं जो खुद को शिक्षित करने और कुछ बनने का इंतजार कर रही हैं। भाषा Edited by: Sudhir Sharma
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