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अक्षय तृतीया पर खरीदारी के शुभ मुहूर्त, क्या खरीदें और जानें 5 अचूक उपाय

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Akshaya tritiya 2025 Kharidi muhurat: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस पूरे दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र वाले दिन पड़ने वाली अक्षय तृतीया को अत्यधिक शुभ माना जाता है। आओ जानते हैं खरीदी के शुभ मुहूर्त, क्या खरीदें और 5 अचूक उपाय।इस दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं- सर्वार्थ सिद्ध योग, शोभन योग और रवि योग।

अक्षय तृतीया की शुभ तिथि प्रारंभ और अंत:

तृतीया तिथि प्रारम्भ- 29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 बजे से प्रारंभ।

तृतीया तिथि समाप्त- 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 02:12 बजे समाप्त।

उदया तिथि के हिसाब से, अक्षय तृतीया का पूजन और खरीदारी 30 अप्रैल को करना अतिशुभ होगा।

अक्षय तृतीया पर खरीदा का शुभ मुहूर्त और क्या खरीदें:

सुबह 05:41 से दोपहर 02:12 मिनट पर सोना खरीदने के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त में चाहे तो वाहन, पीतल बर्तन, चांदी, वस्त्र, पूजा सामग्री पौधे, लक्ष्मी यंत्र या श्री यंत्र, अनाज और खाद्य सामग्री, भूमि, प्लाट, मकान और फ्लैट भी खरीद सकते हैं।

अक्षय तृतीया के दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त

प्रातः मुहूर्त (लाभ, अमृत)- सुबह 05:41 से 09:00 बजे तक।

प्रातः मुहूर्त (शुभ)- सुबह 10:39 मिनट से दोपहर 12:18 मिनट पर।

अक्षय तृतीया पर करें 5 अचूक उपाय:

1. सूर्य को अर्घ्य दें: रक्त चंदनादि से युक्त लाल पुष्प, चावल आदि तांबे के पात्र में जल भरकर उस जल से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।

2. दीप जलाएं: नदी के तट पर और पूजा स्थल पर दीप जलाकर श्रीहरि विष्णु एवं लक्ष्मी की पूजा करें।

3. दान पुण्य: गुड़, चावल, घी, जल का घड़ा, गन्ना या ठंडाई, जौ, दही, सत्तू, सूती वस्त्र आदि दान करें। इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करने चाहिए इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

4. लक्ष्मी माता: पीत वस्त्रासन, पंचमुखी घृत का दीपक, स्फटिक की माला से उत्तराभिमुख हो रात्रि के समय 'ॐ कमलवासिन्यै श्री श्रियै ह्रीं नम:' की 108 माला जपें। सामने प्रतिष्ठित श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र रखें। रक्तपुष्प, कमल गट्टा आदि दूध से बने पदार्थ का नैवेद्य लगाकर तथा संभव हो तो 1 माला अंत में हवन करे। पश्चात यंत्र को उठाकर गल्ले या तिजोरी में रख दें। रजत या ताम्र पात्र में कमल गट्टे भरकर तथा उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित कर केशर से चावल रंगकर प्रति यंत्र 1-2 दाने चढ़ाते जाएं तथा वे सभी चावल इकट्ठे कर बाद में कन्याओं को खीर बनाकर खिलाएं।

5. 11 कौड़ियों का उपाय: अक्षय तृतीया के दिन 11 कौड़ियों को लाल कपडे में बांधकर पूजा स्थान में रखे इसमें देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है। देवी लक्ष्मी के समान ही कौड़ियां समुद्र से उत्पन्न हुई हैं।

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