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सोनम करती थी गाली-गलौज और शौहर जुनैद की पिटाई, कर लिया सुसाइड, कार्रवाई क्यों नहीं?

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यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। ठाकुरद्वारा में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक चिकित्सक के बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में दर्ज मुकदमे के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पीड़ित पिता ने कोतवाली पुलिस पर संदिग्ध रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। पिता का कहना है कि उनके बेटे की मौत के डेढ़ महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, जिससे उनका भरोसा टूट चुका है।

क्या है पूरा मामला?
बीती 4 जुलाई को ठाकुरद्वारा के मोहल्ला कैलेंडर वाली मस्जिद, वार्ड नंबर 19 में रहने वाले डॉ. मोहम्मद समीर उर्फ वकील ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। उन्होंने बताया कि उनके बेटे जुनैद की शादी बिलाल मस्जिद निवासी सोनम, जो इशरत अली की बेटी है, से हुई थी। शादी के बाद सोनम का व्यवहार ठीक नहीं था। वह अक्सर जुनैद और उसके परिवार वालों के साथ गाली-गलौज करती थी। पीड़ित पिता का आरोप है कि सोनम के मायके वाले भी उसका साथ देते थे।

3 जुलाई की घटना ने ले ली जान
3 जुलाई को जुनैद और सोनम के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। सोनम ने अपने मायके फोन किया, जिसके बाद उसकी मां रईसा बेगम और भाई मोनू, आरिफ, दानिश और स्वयं सोनम ने जुनैद के साथ गाली-गलौज की और उसे बुरी तरह पीटा। इतना ही नहीं, आरोप है कि इस दौरान सोनम और उसके भाइयों ने घर से 2 लाख 70 हजार रुपये की नकदी और सारे जेवरात ले लिए। जाते-जाते उन्होंने जुनैद को धमकी दी कि वह सोनम को तलाक दे दे, वरना आत्महत्या कर ले। इस घटना के बाद उसी दिन शाम को जुनैद घर से गायब हो गया। पिता ने सोचा कि शायद वह किसी दोस्त के पास गया होगा, लेकिन अगली सुबह क्लिनिक पर पहुंचे सफाई कर्मचारी ने ऊपर के कमरे में जुनैद को फांसी पर लटका पाया।

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
इस मामले में सोनम, उसकी मां और भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन पीड़ित पिता का कहना है कि डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। पिता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि पुलिस की इस लापरवाही की वजह से उनकी न्याय की उम्मीद खत्म हो रही है।

मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार
न्याय न मिलने से हताश डॉ. मोहम्मद समीर ने अब प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उनके बेटे को इंसाफ दिलाया जाए। यह मामला अब स्थानीय स्तर से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है, और लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर इस मामले में इंसाफ कब मिलेगा।

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