सोना हमेशा से भारतीयों के दिलों में बस्ता है, चाहे वो गहनों के रूप में हो या निवेश के तौर पर। लेकिन अब सोने की चमक सिर्फ शादी-ब्याह तक सीमित नहीं रही। बाजार में हलचल मची है और विशेषज्ञों ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। उनका कहना है कि सोने की कीमतें जल्द ही आसमान छू सकती हैं। आइए जानते हैं, क्या है इस तेजी के पीछे का राज और क्या वाकई सोना ₹1,45,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है?
टेक्निकल विश्लेषण: 35% की उछाल की उम्मीदबाजार के जानकारों के मुताबिक, सोने की कीमतों में अभी और तेजी देखने को मिल सकती है। टेक्निकल चार्ट्स बता रहे हैं कि सोना मजबूत तेजी के रास्ते पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव $3,500 प्रति औंस से बढ़कर $4,750 तक जा सकता है, यानी करीब 35% की उछाल। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा, जहां मौजूदा ₹1,06,000 प्रति 10 ग्राम की कीमत अगले कुछ समय में ₹1,40,000 से ₹1,45,000 तक पहुंच सकती है। निवेशकों के लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है, लेकिन सावधानी भी जरूरी है।
सेंट्रल बैंकों की खरीदारी ने बढ़ाई चमकसोने की मांग में उछाल का बड़ा कारण वैश्विक स्तर पर बदलते हालात हैं। डॉलर पर दुनिया का भरोसा कम हो रहा है और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। 2025 की पहली तिमाही में सेंट्रल बैंकों ने औसत से 24% ज्यादा सोना खरीदा। इसमें चीन और पोलैंड जैसे देश सबसे आगे रहे। खासकर यूक्रेन युद्ध के बाद से यह ट्रेंड और तेज हुआ। रूस के विदेशी रिजर्व फ्रीज होने के बाद कई देशों को एहसास हुआ कि डॉलर को राजनीतिक हथियार बनाया जा सकता है। यही वजह है कि अब सेंट्रल बैंक हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीद रहे हैं, जो पिछले एक दशक के औसत से दोगुना है।
रुपये की कमजोरी ने डाला असरभारत में सोने की कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ-साथ रुपये की कमजोरी का भी बड़ा असर पड़ा है। अप्रैल 2025 में जब वैश्विक बाजार में सोना $3,500 प्रति औंस पर पहुंचा, तो भारत में इसका भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार चला गया। रुपये के कमजोर होने की वजह से यह तेजी और भी तीव्र हो गई। भारतीय निवेशकों के लिए यह स्थिति चुनौती और अवसर दोनों लेकर आई है।
भारतीय निवेशकों का बढ़ा रुझानभारत में सोना अब सिर्फ त्योहारों और शादियों का हिस्सा नहीं रहा। लोग इसे एक गंभीर निवेश विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। गोल्ड ETF में निवेश इसका सबूत है। जून 2025 में ₹2,000 करोड़ और जुलाई में ₹1,256 करोड़ का निवेश गोल्ड ETF में आया। ये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निवेशक अब सोने को लेकर कितने सजग हो गए हैं। पहले जहां सोना सिर्फ आभूषणों तक सीमित था, अब यह वित्तीय सुरक्षा का बड़ा साधन बन चुका है।
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