शाहजहांपुर के कांट थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है, जो न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सही समय पर सही इलाज कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। एक 17 वर्षीय किशोरी के पेट में अचानक सूजन की शिकायत ने पूरे परिवार को परेशान कर दिया। शुरू में एक निजी डॉक्टर ने गलत निदान करते हुए किशोरी को गर्भवती बता दिया, जिससे परिवार सदमे में आ गया। लेकिन सच्चाई कुछ और थी। राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की मेहनत और विशेषज्ञता ने न केवल इस किशोरी की जान बचाई, बल्कि उसके भविष्य को भी सुरक्षित किया।
गलत निदान ने बढ़ाई मुश्किलेंकांट के एक छोटे से गांव में रहने वाली इस किशोरी के पेट में असामान्य सूजन ने परिवार को चिंता में डाल दिया। खेती-बाड़ी से गुजर-बसर करने वाला परिवार अपनी बेटी को लेकर स्थानीय निजी डॉक्टर के पास पहुंचा। लेकिन वहां कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद परिवार बरेली के एक निजी अस्पताल में गया, जहां डॉक्टर ने चौंकाने वाला दावा किया कि किशोरी गर्भवती है। अविवाहित किशोरी के लिए यह निदान न केवल हैरान करने वाला था, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी भारी पड़ गया। परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं, और कई उपचारों के बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ।
उम्मीद की किरण: राजकीय मेडिकल कॉलेजजब सारी कोशिशें नाकाम हो गईं, तो किशोरी की मां ने हार नहीं मानी। वह अपनी बेटी को लेकर शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद इमरान ने किशोरी की स्थिति का गहन अध्ययन किया। जरूरी जांचों के बाद पता चला कि किशोरी के पेट में गर्भावस्था नहीं, बल्कि एक बड़ा ट्यूमर है। यह खबर परिवार के लिए राहत और चिंता दोनों लेकर आई।
सफल सर्जरी ने लौटाई जिंदगीशुक्रवार को डॉ. मोहम्मद इमरान की अगुवाई में एक डेढ़ घंटे की जटिल सर्जरी की गई। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार के मार्गदर्शन में डॉ. आशुतोष और डॉ. संकेत की टीम ने किशोरी के पेट से 6.5 किलोग्राम का ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला। सबसे बड़ी बात यह रही कि सर्जरी के दौरान किशोरी की बच्चेदानी को कोई नुकसान नहीं हुआ, जिससे उसका भविष्य सुरक्षित रहा। ऑपरेशन के बाद किशोरी को फीमेल सर्जरी वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।