Dehradun News : उत्तराखंड के युवाओं और महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर सामने आया है। प्रदेश के 7,000 से अधिक युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों को जल्द ही स्वरोजगार के नए रास्ते मिलने वाले हैं। यह घोषणा युवा कल्याण एवं खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय खेल सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की। क्या यह कदम उत्तराखंड के ग्रामीण युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह खोलेगा? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
स्वरोजगार की दिशा में बड़ा कदम
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि सरकार ने युवा और महिला मंगल दलों की भूमिका को और सशक्त करने का फैसला किया है। इसके तहत स्वरोजगार के लिए प्रस्ताव मांगे जाएंगे। इन प्रस्तावों की गहन जांच के बाद स्वीकृत योजनाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर इस योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
इस पहल से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा। क्या यह योजना उत्तराखंड के युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे पाएगी? यह सवाल हर किसी के मन में है।
पीआरडी जवानों की समस्याओं पर भी ध्यान
बैठक में चारधाम यात्रा के लिए ड्यूटी पर तैनात 2,800 से अधिक पीआरडी जवानों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई। खासकर, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ड्यूटी करने वाले जवानों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। मंत्री ने अधिकारियों को इन जवानों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसमें जूते, जैकेट, रेनकोट और वाटरप्रूफ टेंट जैसी जरूरी चीजें शामिल हैं। सभी जिलों के युवा कल्याण अधिकारियों से इस संबंध में सुझाव भी मांगे गए हैं। यह कदम पीआरडी जवानों के मनोबल को बढ़ाने में कितना कारगर होगा, यह देखना होगा।
खेल महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर
मंत्री रेखा आर्या ने बैठक में इस साल आयोजित होने वाले 'खेल महाकुंभ' की तैयारियों को भी तेज करने के निर्देश दिए। यह आयोजन उत्तराखंड के युवाओं के लिए अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा मंच है। इसके जरिए न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी। क्या इस बार का खेल महाकुंभ नई प्रतिभाओं को सामने लाएगा? यह सवाल खेल प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
हिमाद्री आइस रिंक - भारत का गौरव
बैठक के बाद मंत्री ने देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में हिमाद्री आइस रिंक के पुनरुद्धार कार्य का निरीक्षण किया। यह आइस रिंक न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया का पहला आइस स्केटिंग रिंक है। उन्होंने बताया कि इसका नवीनीकरण कार्य पूरा हो चुका है और यह एक सप्ताह के भीतर प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो जाएगा। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के प्रस्ताव भी विभाग को मिले हैं, जिनमें से एक या दो आयोजन अगले डेढ़ महीने में हो सकते हैं। यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है कि इतना बड़ा खेल ढांचा फिर से सक्रिय होने जा रहा है।
उत्तराखंड के लिए नई उम्मीद
यह सभी पहल उत्तराखंड के युवाओं, महिलाओं और खेल प्रेमियों के लिए नई उम्मीद लेकर आई हैं। स्वरोजगार से लेकर खेल के क्षेत्र में बढ़ते अवसर न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका भी देंगे। मंत्री रेखा आर्या की यह पहल कितनी कारगर साबित होगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यह उत्तराखंड के लिए एक बड़ी शुरुआत है।
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