Hanuman Idol Placement : अगर आपके घर में मंदिर है और उसमें भगवान हनुमान की मूर्ति रखी है, तो आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि इसे किस दिशा में रखना चाहिए और कौन सी चीजें भूलकर भी इसके पास नहीं रखनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा और सही तरीके से मूर्ति की स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और हर प्रकार के वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।
आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें जो भगवान हनुमान की मूर्ति को घर में रखते वक्त ध्यान में रखनी चाहिए।
भगवान हनुमान की मूर्ति रखने की सही दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, भगवान हनुमान की मूर्ति को हमेशा पूजा घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। यह दिशा शुभ मानी जाती है, और इस दिशा में भगवान की मूर्ति रखने से घर के सभी सदस्यों पर उनकी कृपा बनी रहती है।
इसके अलावा, यह दिशा मानसिक शांति और सकारात्मकता को भी बढ़ाती है।
कौन सी मूर्ति कभी न रखें साथ में?
बहुत से लोग भ्रमित रहते हैं कि भगवान हनुमान के साथ और कौन सी मूर्तियां रख सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पूजा घर में भगवान हनुमान और शनिदेव की मूर्तियां एक साथ नहीं रखनी चाहिए।
इसके पीछे कई पौराणिक कारण हैं। मान्यता है कि इन दोनों देवताओं की ऊर्जा और प्रभाव अलग-अलग होते हैं, और इनकी मूर्तियां एक साथ रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
इसलिए इन दोनों मूर्तियों को अलग-अलग स्थानों पर रखना चाहिए।
मूर्ति की स्थापना के समय ध्यान रखने वाली बातें
साफ-सफाई का ध्यान रखें: भगवान हनुमान की मूर्ति को कभी भी गंदी या अव्यवस्थित जगह पर न रखें। मूर्ति रखने से पहले उस स्थान को अच्छे से साफ कर लें।
नीचे नहीं रखें: हनुमान जी की मूर्ति को कभी भी खाली जमीन पर न रखें। इसे एक उच्च स्थान पर रखें, जैसे कि एक अच्छी सी चौकी या मंदिर की अलमारी।
बेडरूम में न रखें: हनुमान जी की मूर्ति को बेडरूम में रखना शुभ नहीं माना जाता। पूजा घर में ही मूर्ति की स्थापना करें, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
ध्यान रखें पूजा का समय: भगवान हनुमान की पूजा का समय भी महत्वपूर्ण है। सुबह और शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है।
भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना करते वक्त सही दिशा और सही स्थान का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा में मूर्ति रखना सबसे शुभ होता है, और शनिदेव की मूर्ति को हनुमान जी के साथ न रखने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा, मूर्ति को किसी उच्च स्थान पर रखकर उसकी पूजा करें ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
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