यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। ठाकुरद्वारा में रविवार को हुई एक घंटे की बारिश ने पूरे शहर को पानी-पानी कर दिया। सड़कों से लेकर गलियों तक, हर तरफ जलभराव का आलम था। नगर पालिका के नाले की सफाई और जल निकासी के बड़े-बड़े दावे इस बारिश में बह गए। मुख्य बाजार में दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ, तो आम लोग घरों में कैद होकर रह गए। यह बारिश गर्मी से राहत देने की बजाय एक नई मुसीबत बनकर सामने आई।
रविवार की सुबह जब आसमान से बारिश की बूंदें गिरीं, तो लोगों को लगा कि भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। लेकिन यह राहत जल्द ही परेशानी में बदल गई। महज एक घंटे की बारिश ने ठाकुरद्वारा की सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया। मुख्य बाजार, जहां हर दिन चहल-पहल रहती है, वहां पानी इतना भर गया कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं, क्योंकि पानी उनके सामान को बर्बाद करने लगा। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया, "हर साल बारिश के मौसम में यही हाल होता है। नगर पालिका हर बार नाले साफ करने का दावा करती है, लेकिन हकीकत सबके सामने है।"
दुकानदारों का नुकसान, जनता की परेशानीमुख्य बाजार के दुकानदारों का कहना है कि जलभराव के कारण उनका हजारों रुपये का सामान खराब हो गया। कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और किराने की दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। एक दुकानदार, मोहित अग्रवाल, ने गुस्से में कहा, "हम हर साल टैक्स देते हैं, लेकिन बदले में हमें सिर्फ परेशानी मिलती है। नालों की सफाई होती ही नहीं, और बारिश का पानी सीधे दुकानों में घुस जाता है।" सिर्फ दुकानदार ही नहीं, आम लोग भी इस स्थिति से त्रस्त हैं। मोहल्लों में पानी भरने से बच्चों और बुजुर्गों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया। कुछ जगहों पर तो घरों के अंदर तक पानी पहुंच गया, जिससे लोगों का सामान भीग गया।
नालों की सफाई: दावे हवा, हकीकत पानी-पानीनगर पालिका हर साल बारिश से पहले नालों की सफाई के बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन इस बारिश ने इन दावों की पोल खोल दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि नालों में जमा गंदगी और कचरा बारिश के पानी को रोक रहा है, जिससे सड़कों पर जलभराव हो रहा है। इससे भी बड़ा खतरा है दूषित पानी का, जो नालों से निकलकर सड़कों पर फैल रहा है। यह पानी बारिश के पानी के साथ मिलकर और जहरीला हो गया है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। एक स्थानीय निवासी, शालिनी देवी, ने चिंता जताते हुए कहा, "पानी इतना गंदा है कि बीमारियां फैलने का डर है। बच्चों को बाहर निकालने में भी डर लगता है।"
जनता में आक्रोश, नगर पालिका पर सवालठाकुरद्वारा की जनता में नगर पालिका की लापरवाही को लेकर भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अगर नालों की सफाई समय पर हो और जल निकासी की व्यवस्था ठीक हो, तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। कुछ लोगों ने तो नगर पालिका के खिलाफ प्रदर्शन करने की भी बात कही है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता राजेश वर्मा ने बताया, "हम हर साल अधिकारियों से शिकायत करते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। अगर अब भी कुछ नहीं किया गया, तो हम सड़कों पर उतरेंगे।" लोगों का मानना है कि अगर नगर पालिका अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाए, तो भविष्य में ऐसी परेशानियों से बचा जा सकता है।
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