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1 जुलाई से बदल गए नियम! आपका पैन कार्ड हो सकता है बेकार, अभी जानिए वरना पछताएंगे

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1 जुलाई 2025 से देश में कई ऐसे नियम और शुल्क लागू होने जा रहे हैं, जो आम आदमी की जेब और रोज़मर्रा के कामकाज पर सीधा असर डालेंगे। पैन कार्ड आवेदन से लेकर आईटीआर फाइलिंग और बैंकिंग शुल्क तक, इन बदलावों की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है। अगर आप समय रहते इन नियमों से वाकिफ नहीं हुए, तो आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आइए, इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

पैन कार्ड के लिए आधार अनिवार्य

अगर आप नया पैन कार्ड बनवाने की सोच रहे हैं, तो अब आधार वेरिफिकेशन के बिना काम नहीं चलेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ऐलान किया है कि 1 जुलाई 2025 से नए पैन कार्ड आवेदन के लिए आधार अनिवार्य होगा। पहले एक वैध पहचान पत्र और जन्म प्रमाण पत्र ही काफी था, लेकिन अब सरकार ने नियमों को और सख्त कर दिया है। इसका मकसद है कर प्रणाली को और पारदर्शी बनाना।

आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा बढ़ी

टैक्सपेयर्स के लिए एक अच्छी खबर है। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब आपके पास रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय होगा, जिससे बिना जल्दबाजी के आप अपने दस्तावेज़ तैयार कर सकते हैं। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए राहत भरा है, जो समय की कमी के चलते रिटर्न दाखिल करने में चूक जाते थे।

एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर नए शुल्क

एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए जरूरी खबर है। 15 जुलाई 2025 से क्रेडिट कार्ड बिलों पर नया शुल्क लागू होगा। इसमें जीएसटी, ईएमआई राशि, वित्त शुल्क, और ओवर-लिमिट राशि पर 2% अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके अलावा, एसबीआई ने अपने एलीट, पल्स, और माइल्स एलीट कार्ड्स पर मिलने वाला मुफ्त हवाई दुर्घटना बीमा भी बंद करने का फैसला किया है। यह बदलाव क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं की जेब पर भारी पड़ सकता है।

एचडीएफसी बैंक का ऑनलाइन गेमिंग और यूटिलिटी बिल पर शुल्क

देश के सबसे बड़े निजी बैंक, एचडीएफसी बैंक ने ऑनलाइन गेमिंग और वॉलेट लोड लेनदेन पर नए शुल्क की घोषणा की है। 1 जुलाई 2025 से, हर महीने 10,000 रुपये से अधिक के ऑनलाइन गेमिंग लेनदेन पर 1% शुल्क लगेगा। इसके साथ ही, यूटिलिटी बिल भुगतान पर भी नया शुल्क लागू होगा।

उपभोक्ता कार्ड पर 50,000 रुपये और व्यापार कार्ड पर 75,000 रुपये से अधिक के बिल भुगतान पर 1% शुल्क देना होगा। तीसरे पक्ष के प्लेटफॉर्म्स के जरिए किराया, ईंधन (15,000 या 30,000 रुपये से अधिक, कार्ड के आधार पर), और शिक्षा भुगतान पर भी 1% शुल्क लागू रहेगा।

इन बदलावों का असर न केवल आपकी जेब पर पड़ेगा, बल्कि आपके रोज़मर्रा के लेनदेन पर भी असर डालेगा। इसलिए, समय रहते इन नियमों को समझकर अपनी वित्तीय योजना को तैयार करना ज़रूरी है।

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