– स्वस्थ यकृत मिशन के दौरान पाए गए लीवर के संभावित 200 मरीजों का हुआ नि:शुल्क परीक्षण
भोपाल, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh की राजधानी भोपाल के जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में पहली बार फाइब्रो स्कैन मशीन द्वारा फैटी लीवर डिजीज की जांच की गई. बुधवार को मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा इन लोगों का चिह्नांकन स्वस्थ यकृत लीवर मिशन के तहत किया गया. जांच में 200 लोगों का परीक्षण फाइब्रो स्कैन मशीन से किया गया.
परीक्षण में 147 में फैटी लीवर पाया गया है. इनमें से 28 में लीवर फाइब्रोसिस भी पाया गया. उपचार के साथ साथ इन लोगों को लीवर को स्वस्थ रखने के लिए घर में उपलब्ध पौष्टिक आहार के सेवन, शराब एवं धूम्रपान से दूर रहने की सलाह दी गई है. मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाएगा.
दरअसल, फाइब्रो स्कैन मशीन में ट्रांजिएट लीवर इलेस्टोग्राफी तकनीक से जांच की जाती है. ये एक नॉन इनवेसिव जांच तकनीक है, जिससे फैटी लीवर, लीवर फाइब्रोसिस की स्थितियों का आंकलन किया जाता है. जो कि स्कोर के तौर पर प्रदर्शित होता है. लीवर संबंधी बीमारियों की जागरुकता, प्रारंभिक पहचान, उपचार और रोकथाम के लिए इस साल जून माह से भोपाल सहित प्रदेश में स्वस्थ यकृत मिशन शुरू किया गया था. जिसमे 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों की सामुदायिक स्क्रीनिंग की गई थी. जिसमें बी एम आई 23 से अधिक होने , महिलाओं में कमर का माप 80 सेमी और पुरुषों में 90 सेमी से अधिक होने, मधुमेह का इतिहास होने के आधार पर संदिग्ध NAFLD मामलों के लिए जांच की स्क्रीनिंग की गई थी.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि लीवर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें फैटी लिवर , लीवर फाइब्रोसिस,हेपेटाइटिस, सिरोसिस लीवर कैंसर प्रमुख हैं. ट्रांजिएट इलेस्टोग्राफी स्कैन के माध्यम से लीवर फाइब्रोसिस की स्थिति का परीक्षण किया जा सकता है. ये जांच FIB-4 स्कोर की गणना के आधार पर प्लेटलेट काउंट, SGOT (AST), SGPT (ALT) जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सकीय सलाह पर की जाती है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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