रांची, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने Jharkhand मुक्ति मोर्चा(झामुमो) को Bihar में महागठबंधन की ओर से एक भी सीट नहीं दिए जाने पर जमकर निशाना साधा. प्रतुल ने सोशल मीडिया एक्स पर Saturday को लिखा है कि उन्हें झामुमो की इस बेइज्जती से मिर्जा गालिब का शेर याद आ गया. बड़े बे आबरू होकर तेरे कूचे से निकले हम.
उन्होंने कहा कि Bihar में सीट बंटवारे के दौरान Jharkhand मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ जो व्यवहार महागठबंधन ने किया, वह न केवल राजनीतिक अपमान है बल्कि झामुमो की खोखली राजनीतिक हैसियत को भी उजागर करता है. उन्होंने कहा कि झामुमो Bihar में महागठबंधन से 12 सीटों की मांग कर रहा था, लेकिन उन्हें एक भी सीट नसीब नहीं हुई. यह उस पार्टी के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक तमाचा है, जो खुद को “महागठबंधन की रीढ़” कहती फिरती है.
शाहदेव ने कहा कि Bihar में तो झामुमो को दरवाजे से अंदर घुसने नहीं दिया गया और Jharkhand में यही झामुमो राजद जैसे दल को अपने सिर पर बैठाए घूम रहा है. यही नहीं, राजद का न तो Jharkhand में कोई जनाधार है, न संगठन, लेकिन झामुमो ने उन्हें मंत्रिमंडल में मंत्री पद तक दे दिया. अब सवाल यह है कि क्या इस अपमान के बाद झामुमो Jharkhand में राजद के मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करेगा या फिर महागठबंधन में बने रहने के लिए चुपचाप इस बेज्जती को निगल जाएगा.
झामुमो का यह मौन Jharkhand की जनता भी देख रही है. Bihar में दरकिनार और Jharkhand में झुककर रहने की यह दोहरी राजनीति बताती है कि झामुमो अब अपनी राजनीतिक अस्मिता खो चुका है.
उन्होंने कहा कि Jharkhand में राजद को मंत्री बनाकर झामुमो ने जो ‘गठबंधन धर्म’ निभाया था, उसका ‘Bihar अध्याय’ महागठबंधन ने अब पूरी तरह बंद कर दिया. आज तो Jharkhand मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और राजद ने उनके पीठ पर खंजर भोंका है. कह सकते हैं कि झामुमो अब न घर का रहा, न घाट का. लंबे समय से Jharkhand मुक्ति मोर्चा Jharkhandी अस्मिता के विपरीत Bihar के चौराहे पर खड़ा होकर कटोरा लेकर सीटों के लिए भिक्षा मांग रहा था. महागठबंधन के दलों ने उसे उसकी राजनीतिक औकात दिखा दी.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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