उदयपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . झीलों और प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत अनुपम एवं रमणीय पर्यटन नगरी उदयपुर में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस का मंगलवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, Punjab के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया, Rajasthan की उपChief Minister दीया कुमारी सहित केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल तथा विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों की उपस्थिति में होटल मेरिएट में शुभारम्भ हुआ. कांफ्रेन्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन स्टेट-वन ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विजन की परिणिति के प्रारंभिक चरण में विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों ने अपने-अपने क्षेत्र में ग्लोबल डेस्टिनेशन की संभावनाओं और प्रस्तावों पर प्रजेंटेशन दिए.
प्रारंभ में पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी विद्यावती ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में ग्लोबल डेस्टिनेशन के सभी तत्व मिलते हैं, फिर भी यहां पर्यटन की अपेक्षित ग्रोथ के लिए कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार गत दिनों हुई बैठक में देश में 50 नए ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने को लेकर सभी राज्यों से प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था. इसी क्रम में आयोजित यह कांफ्रेन्स देश के पर्यटन विकास की नई रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगी.
उपChief Minister दीया कुमारी ने कांफ्रेन्स के लिए Rajasthan को चुनने पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री शेखावत का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी आंगतुकों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हमारे यहां हर किला महल अपनी कहानी कहता है, Rajasthan का गौरवपूर्ण इतिहास, विविध रंगों से परिपूर्ण विरासत, कला एवं संस्कृति समूचे विश्व में अपनी अनूठी पहचान रखते हैं. उन्होंने कहा कि Rajasthan पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में एक आइकोनिक डेस्टिनेशन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का विजन दिया है और इस और नियमित मार्गदर्शन कर रहें हैं. दीया कुमारी ने कहा कि Rajasthan को दुनिया में लीडिंग टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत Rajasthan से ही हैं और उनका हमें होम स्टेट होने के कारण Rajasthan को निश्चित ही लाभ रहता है.
कांफ्रेन्स के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि उदयपुर एक मनमोहक डेस्टिनेशन तो है ही इसके साथ ही उदयपुर भारत देश की एक महान ऐतिहासिक धरोहर है. उन्होंने कहा कि पहले पर्यटन को लेकर अपेक्षित प्रयास नहीं होते थे, लेकिन अब देश के विभिन्न राज्यों में पर्यटन विकास के लिए स्वस्थ स्पर्धा सी है, जो वैश्विक पर्यटन की अपेक्षाओं को पूरा करने के लक्ष्य की प्राप्ति की शुरुआत कही जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप नवाचार के रूप में प्रत्येक राज्य में कम से कम एक ग्लोबल पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि भारत कोविड के बाद पर्यटन क्षेत्र को दोबारा खड़ा करने के लिए बढ़ावा देने वाले अग्रणी देशों में शामिल है. वर्ष 2024 में भारत में 2 करोड़ विदेशी पर्यटक आए, वहीं देशी पर्यटकों का मूवमेंट भी बहुत तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक पर्यटन सूचकांक डब्ल्यूटीआई में भारत 39वें नंबर है. डब्ल्यूटीआई के पैरामीटर्स में 18-20 प्रतिशत केंद्र सरकार के स्तर के हैं, शेष राज्यों पर आधारित हैं. ऐसे में राज्यों को विशेष गंभीरता से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य डब्ल्यूटीओ में टॉप टेन देशों में जगह बनाना है. साथ ही जीडीपी में पर्यटन के योगदान को भी 5-6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित करने होंगे, ताकि विदेशी पर्यटकों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में Indian पर्यटकों का विदेशों की ओर रुख भी बढ़ा है. इसलिए पर्यटन के क्षेत्र में समग्र कार्य करते हुए देशी पर्यटकों को भी पहले अपना देश घूमें-फिर विदेश घूमें की अवधारणा की ओर मोड़ने की भी जरूरत है.
Punjab के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने उदयपुर में कांफ्रेन्स आयोजित किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए सभी आगंतुकों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मेवाड़ पर पुरखों और प्रकृति का आशीर्वाद है. यहां का अपना गौरव पूर्ण इतिहास है. स्वाधीनता और स्वतंत्रता के लिए इस क्षेत्र ने संघर्ष किया है. प्रकृति ने यहां झीलें और हरे-भरे पहाड़ दिए. धार्मिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कांफ्रेन्स में भाग लेने आए सभी पर्यटन मंत्रियों, अधिकारियों से उदयपुर और उसके आसपास के डेस्टिनेशन का भ्रमण करने का आग्रह किया. साथ ही पर्यटन विकास की संभावनाओं पर सुझाव भी आमंत्रित किए.
Rajasthan की प्रस्तुति में बही शौर्य, संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी
राष्ट्रीय पर्यटन कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न सत्रों में Rajasthan पर्यटन सहित विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने प्रस्तुतीकरण दिए. इसमें उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में ग्लोबल ट्यूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में प्रस्तावित किए गए स्थलों की संपूर्ण जानकारी, उनकी कनेक्टिविटी, प्रस्तावित विकास कार्य, अपेक्षित परिणाम आदि के संबंध में पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुति दी. इसी क्रम में Rajasthan की ओर से Rajasthan पर्यटन सचिव राजेश यादव एवं पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियाड़ ने शौर्य, संस्कृति और आध्यात्म की त्रिवेणी के रूप में क्रमशः महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट उदयपुर, जैसलमेर और पुष्कर तीन स्थानों को ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्तुतीकरण दिया. इसके अलावा जम्मू कश्मीर, लद्दाख, Himachal Pradesh, Punjab, चण्डीगढ़, Haryana व उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, एनसीटी दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, पुडुचेरी व लक्षद्वीप, Gujarat व Maharashtra आदि राज्यों ने भी प्रजेंटेशन दिए. पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन सुमन बिल्ला ने आभार व्यक्त किया.
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
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