कोलकाता, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । बंगाल सरकार ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दावा किया कि छात्रसंघ चुनाव कराने में सरकार ने कोई अड़चन नहीं डाली, बल्कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने ही स्वयं इसमें रुचि नहीं दिखाई है।
राज्य सरकार की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने दलील दी कि चुनाव कराने के लिए सरकार ने सर्कुलर जारी किया था, लेकिन संबंधित संस्थानों ने पहल नहीं की। इस पर न्यायमूर्ति सुजय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास दे की खंडपीठ ने मामले में करीब 365 कॉलेज और 10 विश्वविद्यालयों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है।
दूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं के वकील विकासरंजन भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य यह स्पष्ट करे कि किन-किन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने चुनाव कराने में अनिच्छा दिखाई है। उन्होंने अदालत से अपील की कि इन तथ्यों को रिकॉर्ड में शामिल किया जाए।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वास्तव में राज्य सरकार ने ही छात्रसंघ चुनाव रोक रखे हैं। उनका कहना है कि चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और यदि चुनाव नहीं होते हैं तो जवाबदेही भी राज्य की ही होगी ना कि संस्थानों की होगी।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
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