कोलकाता, 22 जून (Udaipur Kiran) ।
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने शहर में विज्ञापन व्यवस्था को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। निगम की नई विज्ञापन नीति के तहत अब पूरे कोलकाता में केवल एलईडी मोनोपोल पर ही विज्ञापन लगाने की अनुमति होगी। राज्य सरकार ने इस नीति को स्वीकृति दे दी है, जिससे यह व्यवस्था जल्द ही पूरे शहर में लागू की जाएगी।
नगर निगम के मेयर फिरहाद हाकिम ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब प्रत्येक सड़क के लिए अलग-अलग टेंडर निकाले जाएंगे। इसका उद्देश्य है अवैध विज्ञापन पर रोक लगाना और निगम के राजस्व में इजाफा करना। निगम का दावा है कि इस प्रणाली से अब विज्ञापन से होने वाली आय में कई गुना वृद्धि होगी और टैक्स चोरी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
शहर के कई प्रमुख विज्ञापन व्यवसायियों ने इस कदम का स्वागत किया है। विज्ञापन एजेंसी के संचालक सुदीप रॉय चौधरी के अनुसार, नई नीति से पूरे व्यापार में पारदर्शिता आएगी। रेट चार्ट से लेकर विज्ञापन के डिजाईन तक, सब कुछ व्यवस्थित होगा और शहर की सुंदरता भी बढ़ेगी।
विज्ञापन व्यवसाय से जुड़े अजय सिन्हा का भी मानना है कि इस बदलाव से पारंपरिक फ्लेक्स और होर्डिग की मांग पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। उनका कहना है कि बिना नियमों के व्यवसाय में नुकसान होता है। जब सब कुछ नियम के दायरे में आता है, तो व्यवसाय भी अधिक स्थिर और लाभदायक होता है।
हालांकि, कुछ व्यवसायियों ने चिंता जाहिर की है कि मोनोपोल (लोहे के खम्भों पर लगे विज्ञापन), विज्ञापन की लागत पारंपरिक माध्यमों की तुलना में अधिक हो सकती है लेकिन अधिकांश का मानना है कि यदि खर्च में कुछ हजार रुपये का अंतर भी हो, तो भी यह व्यापार की समग्र पारदर्शिता और वैधता के लिए लाभकारी साबित होगा।
वहीं, मेयर हाकिम ने यह भी स्पष्ट किया कि जो व्यवसायी अभी पुराने टेंडर पर काम कर रहे हैं, उनके अनुबंध की अवधि समाप्त होने के बाद ही नई नीति लागू की जाएगी।
निगम की इस नई पहल को कोलकाता में विज्ञापन के क्षेत्र में अनुशासन, आय वृद्धि और सौंदर्यीकरण के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
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