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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज मामलों को किया खारिज

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बेंगलुरू, 27 जून (Udaipur Kiran) । कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज दो आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया। इन मामलों में बोम्मई पर यह आरोप था कि उन्होंने किसानों और मंदिरों की संपत्तियों पर अतिक्रमण को लेकर वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार की आलोचना करते हुए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हावेरी से लोकसभा सांसद बसवराज बोम्मई के खिलाफ वक्फ भूमि के संबंध में उनके विवादास्पद बयान के लिए दर्ज मामला खारिज कर दिया है।

न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार की अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि आरोप अस्पष्ट हैं, उनमें मौलिक वैज्ञानिक योग्यता का अभाव है। उनमें से कोई भी सटीक और ठोस सबूत या प्रेरणा के बिना नहीं लगाया गया है। ऐसे आरोपों के आधार पर अभियुक्तों के खिलाफ़ न्यायिक कार्रवाई जारी रखना कानून की कमज़ोरी को दर्शाता है और प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

दरअसल, यह मामला बोम्मई द्वारा नवंबर 2024 में दिए गए एक भाषण से शुरु हुआ, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की कार्रवाइयों को संभालने की आलोचना की थी, खासकर तब जब बोर्ड ने विजयपुरा जिले में 400 से अधिक किसानों को नोटिस जारी किए थे, जिसमें 14,000 एकड़ वक्फ भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया गया था। यह आरोप लगाते हुए कि वक्फ बोर्ड दूसरों की जमीन पर दावा कर रहा है, बोम्मई ने कहा था, अगर सावनूर में एक पत्थर फेंका जाता है, तो वह जहां भी गिरता है, वह वक्फ की जमीन है।

इस बयान के आधार पर बोम्मई के खिलाफ जातियों और धर्मों के बीच दुश्मनी भड़काने के आरोप में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं थीं, जिसके बाद उन पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) की धारा 196(1)(ए) (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

बोम्मई ने इन प्राथमिकियों को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उनकी अपील पर न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्णकुमार की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने सुनवाई की और आदेश दिया कि दोनों प्राथमिकियां रद्द की जाएं। उच्च न्यायालय ने यह आदेश केवल बसवराज बोम्मई तक सीमित रखा तथा अन्य आरोपितों के खिलाफ मामले जारी रहेंगे।—————

(Udaipur Kiran) / राकेश महादेवप्पा

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