भोपाल, 05 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के तीन जिलों में बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 10 बजे खरगोन जिले के बड़वाह, खंडवा जिले के नर्मदानगर और बुरहानपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस होने के बाद रहवासी दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का केंद्र मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। खंडवा के पंधाना स्थित भूकंप मापी केंद्र पर इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है।
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि खंडवा जिले के पंधाना ब्लॉक में कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर, अहमदपुर, खैगांव और सुरगांव समेत कई गांवों में भूकंप के झटके महसूस हुए। बुरहानपुर जिले के नेपानगर क्षेत्र में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। ऐसे ही खरगोन जिले के खरगोन जिले के बड़वाह की पीपल गली, गोंदी पट्टी, सौभाग्य केसरी कॉलोनी, बस स्टैंड क्षेत्र, नर्मदा रोड व कंवर कॉलोनी और बुरहानपुर जिले के कुछ हिस्सों में भी भूकंप की सूचना मिली है। लेकिन कहीं से कोई नुकसानी की खबर नहीं है।
जिले के मौसम विशेषज्ञ सौरभ गुप्ता ने बताया कि भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र के अमरावती जिले में था, जो खंडवा से लगभग 66 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भूकंप का प्रभाव खंडवा के पंधाना ब्लॉक के गांवों कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर और पड़ोसी जिले बुरहानपुर के नेपानगर क्षेत्र में भी महसूस किया गया। उन्होंने बताया कि यह झटका टेक्टॉनिक प्लेटों में मामूली हलचल का परिणाम हो सकता है।
मौसम विशेषज्ञ गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा हुई है। इसके कारण जमीन में पानी के जमा होने और भीतर की परतों में बने एयर मूवमेंट ने इस भूकंप जैसी स्थिति को जन्म दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के बीच मानसूनी तंत्र की बढ़ती सक्रियता और भूमि के तापमान में परिवर्तन भी ऐसी परिस्थितियों को जन्म देते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह से बचें और आवश्यकता पड़ने पर खुले स्थानों में शरण लें।
(Udaipur Kiran) तोमर
You may also like
बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि बढ़ोतरी पर महिलाओं सहित नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
योग मेरे जीवन का अहम हिस्सा, बचपन से करता आ रहा हूं अभ्यास : करण ठक्कर
दफ्तर है या नर्क! अगर ऑफिस में एम्प्लॉई ने आईना देखा तो हजारों में कटेगी मैनेजर की सैलर, वाशरूम जाने पर भी पाबंदी!..
'एक चांस से क्या होता है कम से कम 30-40 चांस दो', ज़ीरो पर आउट हुए करुण नायर तो फैंस ने किया ट्रोल
क्या देखा है ऐसा अंतिम संस्कार? मरने के बाद भी नहीं मिली सम्मानजनक जगह, चौंकाने वाली खबर