ढाका, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और तीन आरोपितों के खिलाफ आज अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 में औपचारिक मुकदमा शुरू हो गया। चारों पर पिछले साल जुलाई में हुए जन-विद्रोह के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों में शामिल होने का गंभीर आरोप है। इस केस में गिरफ्तार पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून ने न्यायाधिकरण से सरकारी गवाह बनने की इच्छा व्यक्त की है।
ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने आज सुनवाई के दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत चारों आरोपितों के खिलाफ औपचारिक आरोप तय करने का आदेश दिया। इस दौरान पूर्व पुलिस महानिरीक्षक मामून ने न्यायाधिकरण को सूचित किया कि वह स्वेच्छा से सरकारी गवाह बनना चाहते हैं। अन्य दो आरोपितों में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल और चौधरी अब्दुल्ला अल मामून हैं।
इस केस में अभी तक सिर्फ पूर्व आला पुलिस अधिकारी चौधरी मामून को ही गिरफ्तार किया जा सका है। न्यायाधिकरण शेख हसीना और असदुज्जमां खान को भगोड़ा घोषित कर चुका है। अभियोजन पक्ष ने कहा है कि चौधरी अब्दुल्ला अल मामून ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए सरकारी गवाह बन गया है। इसी के साथ शेख हसीना और तीन अन्य के खिलाफ औपचारिक मुकदमा शुरू हो गया।
न्यायाधिकरण में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने किया। इस दौरान आरोपितों का प्रतिनिधित्व से वकील अमीर हुसैन ने किया। जुलाई आंदोलन से संबंधित किसी भी मामले में शेख हसीना के खिलाफ आज पहली औपचारिक सुनवाई शुरू हुई है। न्यायाधिकरण ने पहली जून को अपदस्थ शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के औपचारिक आरोपों पर संज्ञान लिया था।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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