लखनऊ, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा पुष्टाहार लीना जौहरी ने बताया कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि हमारी किशोरियों आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी और नेतृत्व क्षमता से संपन्न हो. ‘लंच विद लाडली’ एक ऐसा प्रयास है जो किशोरियों को प्रेरित करने, उनकी समस्याओं को सुनने उन्हें समाधान की दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए आयोजित किया गया.
मिशन शक्ति के अंतर्गत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वाधान में sunday को प्रदेश के जिलों में ‘लंच विद लाडली’ का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य किशोरियों को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मविश्वास , नेतृत्व, कौशल विकसित करना जीवन कौशल ,शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देना निर्णय लेने की क्षमता और संवाद कौशल को प्रोत्साहित करना. उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करना.
जनपदों में एक अनौपचारिक लंच सेशन आयोजित किया गया, जिसमें महत्वपूर्ण पदों पर आसीन समाज की विभिन्न महिलाएं जो किसी न किसी रूप में संघर्षों को पार कर महत्वपूर्ण पदों पर पहुंची. समाज को नेतृत्व प्रदान कर रही हैं जिस में शिक्षाविद सामाजिक कार्यकर्ता महिला नेतृत्व कर्ताओं ने कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित किशोरियों से रोल मॉडल के रूप में उपस्थित महिलाओं के साथ उनका परिचय कराया गया.
प्रेरक संवाद के माध्यम से उपस्थित सम्मानित महिला अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए. इस अवसर पर सामूहिक चर्चा एवं प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया, जिससे किशोरियों में आत्मविश्वास भविष्य की महिला नेतृत्व कर्ता को तैयार करने की एक पहल की गई . इस अवसर पर किशोरियों ने खुलकर अपने विचार रखें यहां उन्हें जीवन कौशल शिक्षा स्वास्थ्य में सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए.
लंच विद लाडली किशोरियों को आत्मनिर्भरता में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम इसलिए भी है कि इसके माध्यम से किशोरियों को यह संदेश मिलता है कि समान अवसर दिए जाने पर और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे-छोटे मंच भी बड़े बदलाव ला सकते हैं. जब किशोरी अपने विचार व्यक्त करने और नेतृत्व करने का अवसर पाएंगे तभी समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है. भारत में लगभग 40फीसदी किशोरी आज भी पूर्ण रूप से शिक्षा के अवसरों से वंचित हैं. लगभग 15फीसदी किशोरियों अभी भी माध्यमिक शिक्षा तक पहुंचने से वंचित है. किशोरियों में एनीमिया की दर लगभग 40फीसदी है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है. यदि देश का लिंगानुपात देखा जाए तो जीरो से 6 वर्ष में 927 लड़कियां प्रति 1000 लड़का है जो आज भी चिंता का विषय है
किशोरियों में अपने भविष्य को लेकर चिंता व असुरक्षा तेजी से बढ़ रही है. ‘लंच विद लाडली’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से किशोरियों में निर्णय लेने की क्षमता आत्मविश्वास तथा नेतृत्व कौशल को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वह भविष्य में समाज और स्कूल कॉलेज स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे.
इस अवसर पर मुरादाबाद मंडल के जनपदों में किशोरियों के साथ अलग-अलग स्थान पर किशोरी भोज का आयोजन किया गया. जनपद रामपुर में राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता सैनी ने बालिकाओं के साथ भोज करते हुए उनके माता-पिता को शिक्षा व स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. जनपद संभल में ब्लॉक प्रमुख संतोष देवी महिला ग्राम प्रधानों ग्राम प्रधान अचौड़ा श्भावना शर्मा Assamोली ने किशोरियों के साथ भोज करते हुए अपने जीवन के संघर्षों से जुड़े हुए अनुभव साझा करते हुए सफलता तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया.
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(Udaipur Kiran) / दीपक
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