अलवर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले की गोद में बसे सुरम्य जंगलों के बीच, पहाड़ियों की ऊंचाई पर स्थित है नल्देश्वर महादेव मंदिर — जिसे स्थानीय लोग श्रद्धा से अलवर का अमरनाथ भी कहते हैं। सावन के पहले सोमवार को यहां शिवभक्ति की अलौकिक छटा देखने को मिली।
भक्त सुबह से ही हर-हर महादेव के जयकारों के साथ मंदिर की ओर पैदल चल पड़े। रोड से अंदर, घने जंगलों और पथरीले रास्तों से गुजरते हुए लोग प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करते हुए मंदिर तक पहुंचे। रास्ते में बहते झरने, शीतल पानी से भरे कुंड, और पक्षियों की चहचहाहट मानो प्रकृति भी भोलेनाथ की आराधना में लीन थी। सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर जब श्रद्धालु मंदिर की चौखट पर पहुंचे, तो वहां की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा ने हर थकावट को भुला दिया। जलाभिषेक कर भक्तों ने सावन के पहले सोमवार को विशेष पूजा अर्पित की। यह स्थान न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति और आत्मा के बीच एक सेतु भी है। हरियाली, शुद्ध हवा और पर्वतीय वातावरण में भगवान शिव का यह मंदिर मानो साक्षात कैलाश की अनुभूति कराता है। नल्देश्वर महादेव की यह यात्रा बताती है कि जब मन में श्रद्धा हो और साथ में हो प्रकृति का आशीर्वाद, तो हर कठिन राह भी एक सुंदर अनुभव बन जाती है।
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(Udaipur Kiran) / मनीष कुमार
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