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उत्तराखंड के हरिद्वार में रूबी देवी बनकर रह रही बंगालदेशी रूबीना गिरफ्तार, दो बच्चे भी पकड़े गए

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हरिद्वार, 17 मई . देश में रह रहे अवैध घुसपैठियों के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिस अभियान के तहत हरिद्वार पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है. महिला पिछले कई साल से यहां रूबी देवी बनकर रह रही थी. महिला ने यूपी के व्यक्ति से शादी कर ली थी और उसकी एक बेटी भी है.

स्थानीय अभिसूचना तंत्र और हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने महिला, उसके मौजूदा पति और पूर्व पति से पैदा नाबालिग बेटे को भी पकड़ लिया है. तीनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, बिना पासपोर्ट वीजा के भारत में रहने समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने बांग्लादेशी महिला को ढूंढ निकालने पर अधीनस्थों की पीठ थपथपाई है.

एसएसपी डोभाल ने बताया कि एलआईयू और हरकी पैड़ी चौकी पुलिस ने सत्यापन के दौरान रोड़ी बेलवाला में झुग्गी झोपड़ी में रह रहे एक दंपति से जब पूछताछ की तो महिला की भाषा स्थानीय नहीं लगी. सख्ती से पूछताछ करने पर सामने आया कि महिला मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली है. कई वर्ष पूर्व महिला अपने पांच साल के बेटे को लेकर बॉर्डर पार कर भारत में आ गई थी. कई जगह रहने के बाद यहां हरिद्वार पहुंचने पर उसने संतोष दुबे निवासी बमरोली बिलगंज पीलीभीत यूपी से शादी कर ली थी, जिससे उसकी तीन वर्ष की एक बेटी भी है.

एसएसपी ने बताया कि महिला का असली नाम रुबीना अख्तर निवासी मुरादपुर रोड श्यामपुर मॉडल स्टेशन ढाका बांग्लादेश है, जिसके पति की मौत हो चुकी है. महिला यहां रूबी देवी बनकर रह रही थी. महिला के पास दो आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुए हैं. एक आधार पर पता जिस ब्रह्मपुरी का लिखा है और पैन कार्ड पर उसका नाम रूबी देवी पुत्री श्रीकांत लिखा है.

एसएसपी के मुताबिक उसके पति संतोष दुबे ने उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया था, जिसमें उसका पता अपने गांव का लिखवाया है. महिला भारत कैसे पहुंची इस संबंध में जानकारी की जा रही है. दंपति फिलहाल दिहाड़ी मजदूरी कर रहा था. महिला का पहला पति से पैदा बेटा करीब 13 वर्ष का है, जिसे भी उसके बांग्लादेशी नागरिक होने की जानकारी बखूबी थी. उसका भी फर्जी आधार कार्ड बनाया गया है.

एसएसपी ने बताया कि फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों की भी तलाश कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होना तय है. बताया कि दंपति के अलावा किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा जबकि 3 साल की मासूम जेल में ही मां के साथ रहेगी.

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/ डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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