–दुर्घटना के बाद घुटना पूरी तरह हो गया था जाम
लखनऊ, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । उन्नत ऑर्थोपेडिक उपचार का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रो. डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा, आर्थ्रोप्लास्टी सर्जन के नेतृत्व में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के हड्डी रोग विभाग में डॉक्टरों की टीम ने हरदोई निवासी 26 वर्षीय युवक का जटिल घुटना प्रत्यारोपण (मेगाप्रॉस्थेसिस के साथ) सफलतापूर्वक किया।
केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग के प्रो. डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह युवक दिसम्बर 2024 में एक सड़क दुर्घटना (दो पहिया वाहन बनाम ट्रक) में गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसमें उसके बाएं घुटने को अत्यधिक क्षति पहुंची थी। उसने पहले दो बार अन्यत्र सर्जरी करवाई, लेकिन दोनों प्रयास असफल रहे और घुटने की गतिशीलता या कार्यक्षमता में कोई सुधार नहीं हुआ। जब स्थिति बिगड़ती गई और विकलांगता बढ़ने लगी, तब उसने केजीएमयू में इलाज के लिए सम्पर्क किया।
समय के साथ उसका घुटना पूरी तरह जाम हो गया था, शून्य रेंज ऑफ मोशन और प्रभावित पैर पर वजन नहीं डाल पाने की स्थिति में वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था, जिससे जीवन की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई। डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा के अनुसार 4 जुलाई को केजीएमयू में सर्जरी की गई, जिसमें पुराने घावों और चिपकी हुई टिशू को सावधानीपूर्वक हटाया गया और विशेष रूप से डिजाइन किए गए मेगाप्रॉस्थेसिस की मदद से घुटने का पुनर्निर्माण किया गया।
सर्जरी के बाद की अवधि में मरीज की स्थिति सुधर रही है। वह अब घुटने को अच्छे से मोड़ पा रहा है और अपने पैरों पर स्वयं खड़ा हो पा रहा है, जो उसकी पूर्ण पुनर्वास यात्रा में एक बड़ा कदम है। वह फिलहाल निगरानी में है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही उसे संगठित फिजियोथेरेपी और रिहैबिलिटेशन प्लान भी दिया जाएगा ताकि वह पूरी तरह सामान्य जीवन जी सके।
सर्जरी करने वाली टीम में प्रो. डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा,(एनेस्थेटिस्ट) प्रो. डॉ. मनोज चौरसिया, डॉ. रितेश चकू, डॉ. उत्कर्ष उपाध्याय, डॉ. जुज़र जमील, डॉ. सागर मीणा, डॉ. अक्षांश गुप्ता शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
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