नई दिल्ली, 02 जून . केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं. यह योजना ईवी यात्री कार क्षेत्र में वैश्विक निर्माताओं से नए निवेश को सक्षम करेगी और भारत को ई-वाहनों के लिए वैश्विक विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करेगी.
भारी उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर विशेष ध्यान देते हुए यात्री कारों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक दूरदर्शी योजना को मंजूरी दी है. ये ऐतिहासिक पहल 2070 तक नेट जीरो हासिल करने, टिकाऊ गतिशीलता को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है.
मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत आवेदन आमंत्रित करने के लिए नोटिस जल्द ही जारी किया जाना प्रस्तावित है, जिसके तहत संभावित आवेदक ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे. यह योजना वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने और भारत को ई-वाहनों के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करेगी. यह योजना भारत को ईवी के विनिर्माण के लिए वैश्विक मानचित्र पर लाने, रोजगार पैदा करने और “मेक इन इंडिया” के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगी.
इस योजना के तहत वैश्विक निर्माताओं को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, स्वीकृत आवेदकों को आवेदन स्वीकृति तिथि से 5 वर्ष की अवधि के लिए 15 फीसदी की कम सीमा शुल्क पर न्यूनतम 35,000 अमेरिकी डॉलर के सीआईएफ मूल्य के साथ ई-4डब्ल्यू की पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) का आयात करने की अनुमति दी जाएगी. स्वीकृत आवेदकों को योजना के प्रावधानों के अनुरूप न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. यह योजना भारत को ईवी के विनिर्माण के लिए वैश्विक मानचित्र पर लाने, रोजगार सृजन करने और “मेक इन इंडिया” के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर विशेष ध्यान देते हुए यात्री कारों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक दूरदर्शी योजना को मंजूरी दी है. इसे भारत को ऑटोमोटिव विनिर्माण और नवाचार के लिए एक प्रमुख वैश्विक गंतव्य के रूप में मजबूती से स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ये योजना वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने और भारत को ई-वाहनों के विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने में मदद करेगी.
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/ प्रजेश शंकर
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