मंडी जिले में आज बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जिससे भारी तबाही हुई। जिले के विभिन्न उपखंडों में प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। व्यापक तबाही और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान को देखते हुए बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान शुरू किए गए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण मंडी जिले में 248 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गईं। धर्मपुर उपखंड सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 60 सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गईं, इसके बाद सरकाघाट (36), थलौट (34) और सेराज और करसोग (32-32) हैं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिले के अन्य उपखंडों जैसे मंडी-II (15), जोगिंदरनगर (12), गोहर (6), सुंदरनगर (4) और पधर (17) में भी सड़कें अवरुद्ध हो गईं। इसके साथ ही, यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर बिजली संकट से जूझ रहा है। कुल 994 बिजली ट्रांसफार्मर कथित तौर पर काम नहीं कर रहे हैं। गोहर उपखंड में सबसे अधिक 470 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए, उसके बाद धरमपुर (171), करसोग (163), मंडी (125) और थलौट (31) का स्थान रहा। जोगिंदरनगर, सरकाघाट और सुंदरनगर उपखंडों में ट्रांसफार्मरों को छोटे पैमाने पर नुकसान पहुंचने की खबर है। मंडी के पास मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के ढहने से लोगों की चिंता बढ़ गई है। यह सुरंग राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना का हिस्सा थी। इस घटना ने क्षेत्र में चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संकट के मद्देनजर राजनीतिक नेताओं ने स्थिति पर नजर रखने के प्रयास तेज कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र सेराज में राहत और बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए जिला अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहे हैं।
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