वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या की तिथि 22 अगस्त 2025 को सुबह 11:55 बजे शुरू हुई और 23 अगस्त 2025 को सुबह 11:55 बजे तक रहेगी। इसके बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। आज मघा नक्षत्र प्रभावी है, जो सूर्य और केतु के प्रभाव में है। दोपहर 1:20 बजे तक परिघ योग रहेगा, जो कुछ राशियों के लिए तनाव और बाधाएं ला सकता है। इसके बाद शिव योग शुरू होगा, जो शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है। करण की बात करें तो नाग करण सुबह 11:35 बजे तक रहेगा, फिर किंस्तुघ्न करण रात 11:37 बजे तक रहेगा और इसके बाद बव करण प्रभावी हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति में, बृहस्पति मिथुन राशि में, बुध और शुक्र की युति कर्क राशि में, मंगल कन्या राशि में, सूर्य, चंद्रमा और केतु की युति सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में हैं। सिंह राशि में सूर्य, चंद्रमा और केतु की युति और शनि अमावस्या का प्रभाव कुछ राशियों के लिए मानसिक और भावनात्मक चुनौतियाँ ला सकता है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी राशियाँ हैं जिनके लिए आज का दिन ठीक नहीं रहेगा और इस दिन को अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
मेष राशि
मंगल का कन्या राशि में होना और शनि अमावस्या का प्रभाव मेष राशि वालों के लिए क्रोध, जल्दबाजी और काम में रुकावटें पैदा कर सकता है। परिघ योग के कारण निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति बन सकती है। व्यावसायिक और निजी जीवन में सोच-समझकर ही निर्णय लें। उपाय: हनुमान जी की पूजा करें और 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें।
कर्क राशि
कर्क राशि में बुध और शुक्र की युति भावनात्मक अस्थिरता ला सकती है। सिंह राशि में चंद्रमा और केतु की युति मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह का कारण बन सकती है। परिघ योग के कारण कार्यस्थल पर गलतफहमियाँ हो सकती हैं। उपाय: सफेद चंदन या दूध का दान करें।
सिंह
सिंह राशि में सूर्य, चंद्रमा और केतु की युति आज तनाव, मानसिक अशांति और निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति पैदा कर सकती है। मघा नक्षत्र और परिघ योग का प्रभाव कार्यों में बाधाएँ और आत्मविश्वास की कमी ला सकता है। शनिश्चरी अमावस्या का प्रभाव स्वास्थ्य और पारिवारिक मामलों में सावधानी बरतने की माँग करता है। उपाय: सुबह तांबे के पात्र से सूर्य देव को जल अर्पित करें और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें।
कन्या
कन्या राशि में मंगल की उपस्थिति और शनिश्चरी अमावस्या का प्रभाव स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र में चुनौतियाँ ला सकता है। परिघ योग के कारण महत्वपूर्ण कार्यों में देरी हो सकती है और तनाव बढ़ सकता है। उपाय: हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में राहु और मीन राशि में शनि की स्थिति असमंजस, अनावश्यक खर्च और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ ला सकती है। शनिश्चरी अमावस्या का प्रभाव शनि के प्रभाव को और प्रबल करता है, जिससे मानसिक दबाव महसूस हो सकता है। उपाय: शनिदेव की शांति के लिए 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें।
मीन राशि
शनि का मीन राशि में होना और शनिश्चरी अमावस्या का प्रभाव स्वास्थ्य, करियर और पारिवारिक जीवन में चुनौतियाँ ला सकता है। परिघ योग के कारण निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। उपाय: ज़रूरतमंदों को पीले वस्त्र, हल्दी या चने की दाल दान करें।
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