Next Story
Newszop

दहेज प्रताड़ना और हत्या मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, ससुर और पति को 10-10 साल की सजा

Send Push

बिहार के मधेपुरा जिले से दहेज प्रताड़ना और हत्या के एक बहुचर्चित मामले में अदालत ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। एडीजे-9 के न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद की अदालत ने तीन साल पहले हुई विवाहिता की मौत के मामले में ससुर रविन्द्र यादव उर्फ रवेन यादव और पति मधु यादव उर्फ मधुवा को दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों आरोपियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला नवटोलिया वार्ड एक निवासी किशोर यादव द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर आधारित है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, किशोर यादव ने अपनी बेटी सुप्रिया की शादी लगभग दो वर्ष पहले मिठाई वार्ड-12 निवासी रविन्द्र यादव के पुत्र मधु यादव के साथ की थी। शादी में उन्होंने अपनी सामर्थ्य के अनुसार उपहार और दहेज भी दिया था।

शादी के शुरुआती कुछ महीने सामान्य रहे, लेकिन फिर ससुरालवालों का व्यवहार बदलने लगा। सुप्रिया को एक बार गर्भवती होने के बाद गर्भपात हो गया, जिसके बाद उसके साथ मारपीट और मानसिक उत्पीड़न और बढ़ गया।

दो लाख रुपये और आधार कार्ड की मांग

पीड़िता के पिता किशोर यादव ने बताया कि उनकी बेटी के ससुरालवालों ने दो लाख रुपये ट्रैक्टर खरीदने के लिए और आधार कार्ड की मांग की थी। इन मांगों को पूरा न करने पर उनकी बेटी को लगातार प्रताड़ित किया गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि एक दिन उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई, जिसके बाद मामला पुलिस और फिर अदालत तक पहुंचा।

अदालत का फैसला

करीब तीन साल तक चली सुनवाई और गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने ससुर और पति को दोषी करार दिया। न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद ने कहा कि आरोपी पक्ष ने विवाहिता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया और अंततः उसकी जान ले ली, जो भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है।

सास को नहीं मिली सजा

इस मामले में पीड़िता की सास लालमुनि देवी भी नामजद अभियुक्त थीं, लेकिन सबूतों के अभाव में अदालत ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया।

अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता जयनारायण पंडित ने अदालत के फैसले को न्याय की जीत बताया। उन्होंने कहा, “यह फैसला दहेज के लालच में बेटियों की जिंदगी बर्बाद करने वालों के लिए एक सख्त संदेश है। न्यायालय ने पीड़िता और उसके परिजनों को न्याय दिलाया है।”

Loving Newspoint? Download the app now