उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय — महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर — का भव्य लोकार्पण सोमवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया गया। यह विश्वविद्यालय केवल आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी प्राचीन आयुष विधाओं की पढ़ाई और इलाज का केंद्र ही नहीं बनेगा, बल्कि रोजगार, मेडिकल टूरिज्म और आयुर्वेद आधारित कृषि के नए अवसरों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्थापित यह विश्वविद्यालय न केवल पूर्वांचल बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक स्ट्रैटेजिक मेडिकल और रिसर्च हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर उन्हें वैश्विक मंच पर स्थापित करना है।
रोजगार और आर्थिक संभावनाएंविश्वविद्यालय के माध्यम से हजारों युवाओं को आयुष आधारित शिक्षा, रिसर्च और क्लीनिकल प्रैक्टिस के क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीएसएमएस, बीएससी योगा जैसे कोर्स के साथ, यहां रिसर्च लैब, फार्मेसी और आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन से जुड़ी इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी।
मेडिकल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावाविदेशी मरीजों में भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए, गोरखपुर का यह विश्वविद्यालय मेडिकल टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। देश-विदेश से लोग यहां पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक इलाज और योग के लिए आ सकेंगे।
औषधीय पौधों की खेती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबलआयुष विश्वविद्यालय का एक अहम पहलू होगा औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देना। विश्वविद्यालय वैज्ञानिक तरीके से किसानों को प्रशिक्षण देगा कि वे किस प्रकार से तुलसी, अश्वगंधा, सतावर, गिलोय, ब्राह्मी जैसे औषधीय पौधों की खेती करके आय के नए स्रोत बना सकते हैं।
पूर्वांचल के लिए एक नई दिशागोरखपुर को पहले ही एम्स और आयुष विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों के रूप में चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी पहचान मिल चुकी है। अब आयुष विश्वविद्यालय इसके विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से यह परियोजना रिकॉर्ड समय में पूरी हुई है, जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह दौरा न केवल इस विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक शुरुआत को चिह्नित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को पुनर्जीवित कर उन्हें वैश्विक पहचान दिलाने के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है।
You may also like
FIR Against Himachal Minister For Beating Up NHAI Official : एनएचएआई अधिकारी को पीटने के आरोप में हिमाचल के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ एफआईआर, नितिन गडकरी ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को किया फोन
Zero Balance Account खोलते ही मिलेंगे ₹10 लाख तक के फायदे! जानिए कैसे उठाएं लाभ
सिर्फ आधार कार्ड से मिल रहा ₹5 लाख का लोन! जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया
भारत बनाम इंग्लैंड : वह टेस्ट पारी, जिसमें भारतीय गेंदबाजों ने बनाया था 63 'अतिरिक्त रन' देने का अनचाहा रिकॉर्ड
एजबेस्टन में कभी टेस्ट नहीं जीता भारत, जानिए कैसा रहा है रिकॉर्ड?