आयकर मुख्यालय में हुई जमकर नारेबाजी
- केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-सीबीडीटी की नीतियों के खिलाफ आयकर कर्मियों का मोर्चा
- 7 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों व अधिकारियों ने किया प्रदर्शन
- मंगलवार को संयुक्त संघर्ष समिति-जेसीए के झण्डे तले हुई नारेबाजी
- मांगों पर कार्रवाई नहीं तो तेज होगा आंदोलन
- राज्य में विभिन्न शहरों में आयकर कर्मियों ने किया प्रदर्शन
- विमल कोठारी -
जयपुर। वार्षिक तबादला नीति, पदोन्नति, केडर रिव्यू और रिस्ट्रक्चरिंग सहित 7 मुद्दों पर आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों ने आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय अर्थात केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड-सीबीडीटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आयकर अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन इनकम टैक्स गजटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन-आईटीगोआ और आयकर कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन-आईटीईएफ की संयुक्त संघर्ष समिति-जेसीए के झंडे तले देश भर में आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किए। जयपुर में मुख्य प्रदर्शन स्टेच्यू सर्किल स्थित आयकर मुख्यालय पर हुआ। दोपहर में हुई बारिश के दौरान भी अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की।
आईटीगोआ की राज्य इकाई के महासचिव राकेश शर्मा ने बताया कि यह प्रदर्शन संयुक्त संघर्ष समिति-जेसीए के दिल्ली मुख्यालय से मिले निर्देशों के आधार पर देश भर में किया गया है। आयकर अधिकारी व कर्मचारी अब अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और शीघ्र ही आंदोलन को तेज करने की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने दावा कि राज्य में जयपुर के अलावा जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, कोटा व अलवर कार्यालयों पर भी प्रदर्शन किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति रही। उन्होंने बताया कि विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से दी रही सेवाओं को लेकर उनके पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों की अनुपालना में काफी अनदेखी हो रही है। जिसके पक्ष में निर्णय हुआ है, उसे तो तदनुसार लाभ दे दिया जाता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर समान मामलों में अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जाता, जिससे विभाग और अधिकारियों व कर्मचारियों में विवाद तथा मुकदमे बाजी बढ़ रही है। शर्मा का कहना है कि समान मामलों में सेवाओं के संबंध में न्यायिक स्तर पर निर्णय आने के बाद सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समान दृष्टि से देखा जाना चाहिए।
इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन-आईटीईएफ की राज्य इकाई के अध्यक्ष राजेन्द्र मीना और महासचिव सियाराम स्वामी ने कहा कि विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में तबादलों को लेकर भी अब बड़ी परेशानी हो रही है। नीतियां ही इस तरह की बना दी गई है, कि कर्मचारी एक स्तर के बाद अपवादों को छोड़ अपने गृह राज्य से बाहर नहीं जा सकता, जिसमें फिर बदलाव किए जाने की जरूरत है। इसी तरह फेसलेस आयकर निर्धारण व्यवस्था के बाद कर निर्धारण अधिकारियों के क्षेत्राधिकार को लेकर भी अब बड़ी समस्या आ रही है। विभाग ने कर निर्धारण अधिकारियों के कार्यों का पुनर्गठन तो कर दिया, लेकिन विलय के कारण अधिकारियों पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है, जिसमें सुधार की जरूरत है। इसी तरह आयकर विभाग में आए दिन विभिन्न मीटिंग के लिए अनेक सूचनाएं एकत्र करने का कार्य ऐन वक्त पर दिया जाता है, जिसमें एकत्र होने वाली अनेक सूचनाएं ना तो अधिकारियों व कर्मचारियों के पास उपलब्ध है, और ना ही उनकी विशेष आवश्यकता, बस आला अधिकारी अपनी छवि चमकाने के लिए ऐसी सूचनाएं महज कुछ ही समय में जुटाने का दबाव बनाते है। जिससे देश भर में आयकर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अपना नियमित कार्य छोड़कर समय व्यर्थ करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों की इन मांगों पर शीघ्र ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
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