इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जातिगत आंकड़ों सहित पूरी तरह से जनगणना कराने की सरकार की मंशा पर संदेह जताया। बता दें की सोमवार को ही केंद्र सरकार ने जनगणना करवाने की अधिसूचना जारी की थी।
मीडिया रिपोटर्स की माने तो पायलट ने कहा कि अधिसूचना में 2027 में जनगणना शुरू करने का उल्लेख है, जो कि समझ से परे है। पायलट ने जनगणना तुरंत कराने की मांग की और कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य सिर्फ लोगों की जाति जानना नहीं है, बल्कि यह पता लगाना है कि लोग आज किन हालातों में रह रहे हैं। जब तक हम यह आंकड़े पता नहीं करेंगे कि कौन कितना पढ़ा लिखा है, सरकारी नौकरी कितनी मिली हैं, वो कितना कमा रहे हैं, कितनी योजनाओं का कितना लाभ उन्हें मिल रहा है, तब तक हम पिछले समुदायों के उत्थान के लिए कैसे काम करेंगे।
खबरों की माने तो पायलट ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द जनगणना करानी चाहिए और इसके लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि जातिगत जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहला चरण 1 अक्तूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शुरू होगा।
pc- jansatta
You may also like
एफआईएच हॉकी प्रो लीग: देर से मिले गोलों ने भारत की उम्मीदों पर फेरा पानी, बेल्जियम से 3-6 की हार
छतरपुरः दिनदहाड़े महिला और दो बच्चों का अपहरण, फायरिंग कर कार में बैठाकर ले गए
दमोहःनिराश्रित गौ वंश की सेवा और घायलों की शल्य चिकित्सा
केंद्र सरकार देश में खेल के विकास में बड़ा योगदान दे रही : पौलमी घटक
हरदोई और मथुरा में हुए हादसे पर सीएम योगी ने जताया दुख, अहम निर्देश दिए