Next Story
Newszop

फरीदाबाद में दहेज के लिए एक और हत्या: मोना की दुखद कहानी

Send Push
दिल्ली की बेटी मोना की दहेज के लिए बलि

फरीदाबाद में दहेज के लिए एक और हत्या: मोना की दुखद कहानी: दिल्ली की एक युवा महिला, मोना, की जिंदगी दहेज के कारण समाप्त हो गई। फरीदाबाद के सेक्टर 48 में उसकी संदिग्ध मौत ने न केवल उसके परिवार को तोड़ दिया, बल्कि समाज में दहेज प्रथा की भयानक सच्चाई को भी उजागर किया।


सपनों की शुरुआत, जो त्रासदी में बदल गई

मोना एक साधारण दिल्ली की लड़की थी, जिसके परिवार ने उसकी शादी को खास बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उसकी बड़ी बहन प्रीति ने बताया कि मोना उनकी सबसे छोटी और प्रिय बहन थी।


शादी के लिए उसके भाई ने अपना घर तक बेच दिया था। दहेज में निसान कार, पांच लाख रुपये नकद, और कई कीमती सामान दिए गए थे। लेकिन ये सब ससुराल वालों की लालच को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं था। शादी के बाद से ही राहुल और उसके परिवार ने और पैसे की मांग शुरू कर दी।


दहेज का दबाव और क्रूरता

मोना की दूसरी बहन, मीनाक्षी, ने बताया कि ससुराल वाले बार-बार पैसे और संपत्ति की मांग करते थे। जब परिवार ने उनकी मांगें पूरी करने में असमर्थता जताई, तो मोना के साथ मारपीट शुरू हो गई। परिजनों का कहना है कि मोना एक एनसीसी कैडेट थी, जो शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत थी।


इसलिए, उनका मानना है कि उसकी हत्या में एक से ज्यादा लोग शामिल थे। परिवार का आरोप है कि मोना को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई।


दुखद सूचना का खेल

मोना की मौत की खबर परिवार को सीधे नहीं दी गई। एक अनजान व्यक्ति ने फोन कर बताया कि मोना की तबीयत खराब है। जब परिवार फरीदाबाद पहुंचा, तो उन्हें अपनी बेटी की लाश मिली।


इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। प्रीति का कहना है, “हमारी बेटी को बचाने का मौका तक नहीं दिया गया। अगर हमें पहले बताया होता, शायद हम कुछ कर पाते।”


पुलिस की कार्रवाई और परिवार की मांग

फरीदाबाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहुल मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी राम बाबू ने बताया कि परिजनों के बयान के आधार पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया है।


पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है। मोना का परिवार अब इंसाफ की गुहार लगा रहा है। उनका कहना है कि इस हत्या में शामिल सभी लोगों को सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और बेटी दहेज की बलि न चढ़े।


समाज के लिए एक सवाल

मोना की कहानी सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि हमारे समाज की उस सोच पर सवाल है, जो दहेज को शादी का हिस्सा मानता है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक बेटियां इस लालच की भेंट चढ़ती रहेंगी? मोना के परिवार का दर्द हर उस व्यक्ति को झकझोरता है, जो इंसाफ और बराबरी में यकीन रखता है।


Loving Newspoint? Download the app now