कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश: वर्तमान समय में महंगाई के उतार-चढ़ाव के कारण लोग निवेश के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। कुछ लोग सोने और चांदी में निवेश करते हैं, जबकि अन्य शेयर बाजार में पैसा लगाने की कोशिश करते हैं। लेकिन, रियल एस्टेट में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि प्रॉपर्टी के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
निवेशकों के बीच यह बहस चल रही है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करना बेहतर है या कमर्शियल प्रॉपर्टी में।
हालांकि, अधिकांश लोग रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के बारे में जानते हैं, लेकिन कमर्शियल प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी कम होती है। इस प्रकार की प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी होना आवश्यक है। दुकानों और शोरूम को कमर्शियल प्रॉपर्टी में शामिल किया जाता है। हम आपको कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे.
सैलरी वाले लोग भी कर रहे कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश:
आजकल यह धारणा बन गई है कि केवल अमीर लोग ही कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। लेकिन, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सैलरी पाने वाले लोग भी इस क्षेत्र में सक्रियता से निवेश कर रहे हैं.
कमर्शियल प्रॉपर्टी आमतौर पर अधिक रिटर्न देती है और इससे किराया भी ज्यादा मिलता है, जिससे पैसिव इनकम का अवसर मिलता है। हालांकि, इसमें कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं, जिन पर हम चर्चा करेंगे.
कमर्शियल प्रॉपर्टी के फायदे
उच्च किराया:
कमर्शियल प्रॉपर्टी में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की तुलना में अधिक किराया मिलता है। रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में सालाना 1-2% रिटर्न मिलता है, जबकि कमर्शियल प्रॉपर्टी 8-11% तक रिटर्न दे सकती है.
यदि आप केवल रेंटल इनकम बनाना चाहते हैं, तो कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करना बेहतर है.
फर्निशिंग की आवश्यकता नहीं:
कमर्शियल प्रॉपर्टी को किराए पर देने से पहले फर्निश करने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे मालिक का खर्च बचता है.
किरायेदारों से विवाद नहीं:
किराए पर लेने वाले आमतौर पर कंपनियों से जुड़े होते हैं, जिनका वित्तीय प्रबंधन सामान्य किरायेदारों की तुलना में बेहतर होता है.
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश के नुकसान
उच्च निवेश की आवश्यकता:
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश के लिए प्रारंभ में अधिक धन की आवश्यकता होती है, जबकि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में कम निवेश किया जा सकता है.
लोन की उच्च ब्याज दरें:
कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए लोन लेने पर उच्च ब्याज दरें चुकानी पड़ती हैं, जो कई कारकों पर निर्भर करती हैं.
किरायेदार खोजना मुश्किल:
कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए किरायेदार खोजना कठिन हो सकता है, क्योंकि ये आमतौर पर बड़े कॉरपोरेट्स द्वारा ली जाती हैं.
अधिक रिसर्च की आवश्यकता:
कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले गहन रिसर्च करना आवश्यक है, जिसमें लागत, टैक्स, क्षेत्रीय कानून और रेंट-आउट से संबंधित नियम शामिल हैं.
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