लखनऊ। यूपी अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव के चेहरे के साथ संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का चेहरा जोड़कर फोटो बनाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। यूपीएससीएसटी आयोग ने समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी के नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यूपी अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने कहा कि ऐसा करना बाबासाहेब और एससी-एसटी लोगों का अपमान है। यूपी पुलिस से उन्होंने कहा है कि इस मामले में केस दर्ज कर की गई कार्रवाई के बारे में 5 मई तक जानकारी दे।
अखिलेश यादव और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के चेहरे मिलाकर बनाई गई होर्डिंग लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पर लगी थी। वहीं, लोहिया वाहिनी की तरफ से इस तस्वीर को अखिलेश यादव को भी भेंट किया गया था। होर्डिंग सामने आते ही अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी बीजेपी और बीएसपी के निशाने पर आ गए। बीजेपी ने इस तरह की फोटो बनाने को बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान बताते हुए यूपी के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन भी किया है। वहीं, बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी इस मामले में समाजवादी पार्टी को घेरने में पीछे नहीं रही हैं। ऐसे में नजर इस पर है कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी अब फोटो पर क्या सफाई देते हैं?
यूपी में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को मानने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। ऐसे में आंबेडकर के किसी भी तरह का अपमान यहां बड़ा मुद्दा बन जाता है। यूपी में 2027 में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। अगर ये मामला और गर्माया और उस वक्त तक मुद्दा जिंदा रहा, तो समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी दिक्कत का सबब बन सकता है। बता दें कि आंबेडकर के अपमान का मुद्दा उठाकर समाजवादी पार्टी ने भी अन्य विपक्षी दलों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आंदोलन किया था। अब आंबेडकर के अपमान के मसले पर समाजवादी पार्टी खुद ही घिर गई है।
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