Newsindia live,Digital Desk: International Conflict : अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर चर्चा में हैं उन्होंने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के साथ ही अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच उन्होंने ही युद्धविराम कराया था और इसके लिए वे नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं ट्रंप ने अक्सर अपने कार्यकाल के दौरान कई मध्यस्थता प्रयासों का जिक्र किया है जिसमें उनके मुताबिक उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए था यह दावा उन्होंने अपने फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो आवास में एक समारोह के दौरान किया जब वे अपने प्रशंसकों से मिल रहे थेट्रंप ने अपने बयानों में यह दावा किया कि वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने और कश्मीर मुद्दे पर अप्रत्यक्ष रूप से मध्यस्थता की बात कही हालाँकि भारत ने हमेशा द्विपक्षीय बातचीत पर जोर दिया है वहीं अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो कराबाख विवाद में युद्धविराम में उन्होंने अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया उन्होंने यह भी कहा कि इस काम के लिए दुनिया उन्हें क्रेडिट नहीं दे रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैयह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार का दावा किया है वे पहले भी इज़राइल और अरब देशों के बीच हुए अब्राहम समझौतों के लिए खुद को इस पुरस्कार का हकदार बता चुके हैं ट्रंप के आलोचकों का मानना है कि वे अपनी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं और इन दावों का कोई ठोस आधार नहीं होता है हालांकि उनके समर्थक इसे उनकी कूटनीतिक जीत के रूप में देखते हैं और मानते हैं कि उन्हें वाकई में यह पुरस्कार मिलना चाहिए थानोबेल समिति इस तरह के सार्वजनिक दावों पर टिप्पणी नहीं करती है क्योंकि नोबेल पुरस्कार एक गोपनीय प्रक्रिया के माध्यम से दिए जाते हैं लेकिन ट्रंप के इन दावों ने निश्चित रूप से एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बहस को गरमा दिया है और उनके समर्थक व आलोचक दोनों ही अपने-अपने तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं
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