Next Story
Newszop

Motor Vehicles Act : पंजाब दिल्ली और चंडीगढ़ में सिखों को हेलमेट में विशेष राहत नियम और उसके विवाद

Send Push

Newsindia live,Digital Desk: Motor Vehicles Act : भारत में सिखों को हेलमेट पहनने से अक्सर छूट मिलती है और इस प्रावधान का सीधा संबंध उनके पवित्र पगड़ी या दस्तर से है यह केवल एक धार्मिक पहनावा नहीं बल्कि सिख पहचान और उनके विश्वास का अभिन्न अंग है मोटर वाहन अधिनियम एक हज़ार नौ सौ अठासी की धारा एक सौ उनतीस में यह कहा गया है कि दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठे लोगों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है लेकिन इसके ठीक बाद धारा एक सौ उनतीस की व्याख्या में सिखों के लिए विशेष छूट का प्रावधान किया गया हैकानून कहता है कि सिखों को अपनी पगड़ी पहनने के लिए इस प्रावधान से मुक्त किया जाएगा क्योंकि उनकी धार्मिक प्रथाएं हेलमेट पहनने से उन्हें रोकती हैं हालांकि इस छूट को लेकर कई राज्यों में बहस और कानूनी लड़ाई भी चली है जिससे धार्मिक स्वतंत्रता और सड़क सुरक्षा के बीच एक तनाव पैदा हुआ हैदिल्ली मोटर वाहन नियम एक हज़ार नौ सौ तिरानबे के तहत शुरुआत में केवल सिख महिलाओं को ही हेलमेट से छूट दी गई थी लेकिन एक हज़ार नौ सौ निन्यानबे में इस नियम में बदलाव कर पगड़ी पहनने वाले सिख पुरुषों को भी छूट दे दी गई बाद में दो हज़ार अठारह में एक अधिसूचना के माध्यम से दिल्ली सरकार ने यह छूट वापस लेने की कोशिश की और इसे केवल सिख महिलाओं तक सीमित कर दिया लेकिन उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सिख पुरुषों को हेलमेट पहनने से मिली छूट को फिर से बहाल कर दिया गया जिससे धार्मिक पहचान को प्राथमिकता दी गईइसी तरह चंडीगढ़ में भी एक हज़ार नौ सौ पचासी के पंजाब मोटर वाहन नियम लागू थे जिसमें सिखों को छूट थी लेकिन प्रशासन ने बाद में एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया इस फैसले से विवाद गहराया और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा जहां अदालत ने सिख युवकों को पगड़ी के साथ दोपहिया वाहन चलाने पर हेलमेट से छूट को वैध ठहराया अदालत ने फैसला सुनाया कि संविधान में धर्म के अधिकार की सुरक्षा पर बल दिया गया हैअंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं यूके कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी सिखों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के कारण हेलमेट पहनने से छूट प्राप्त है इन देशों में धार्मिक स्वतंत्रता और सड़क सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है जिससे सिख समुदाय को उनकी पहचान बनाए रखने का अधिकार मिल सके भारत में यह मुद्दा बार बार सामने आता रहा है जिससे यह बहस बनी हुई है कि आखिर कैसे व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया जाए और साथ ही सड़क पर सुरक्षा मानकों को भी बनाए रखा जाए यह विषय सिख समुदाय के लिए बहुत संवेदनशील और भावनात्मक हैकानूनविदों का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियानों और हेलमेट के महत्व पर जोर देने के बजाय धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करना ठीक नहीं है हेलमेट का उद्देश्य सिर को चोटों से बचाना है और दुर्घटनाएं कम हों इसके लिए वाहन चलाते समय सुरक्षा के अन्य उपायों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कुल मिलाकर सिख समुदाय को मिली हेलमेट की छूट भारतीय कानूनी व्यवस्था में धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व का एक मजबूत उदाहरण है
Loving Newspoint? Download the app now