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पितृ पक्ष 2025: आज है तृतीया श्राद्ध, जानें सही समय और सरल विधि

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Pitra Paksha 2025 : पितृ पक्ष के15दिन हमारे पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने का समय होता है। आज, 10सितंबर2025को,पितृ पक्ष का तीसरा दिन है,जिसे तृतीया श्राद्ध कहते हैं।आज का श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए किया जाता है जिनका निधन किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ हो। माना जाता है कि आज के दिन श्रद्धापूर्वक किया गया तर्पण और पिंडदान सीधे हमारे पितरों की आत्मा तक पहुँचता है और उन्हें शांति मिलती है।किस समय करें श्राद्ध? (शुभ मुहूर्त)शास्त्रों में श्राद्ध करने के लिए दोपहर का समय सबसे उत्तम माना गया है। आज के दिनकुतुप मुहूर्त (सुबह11:58से दोपहर12:47),रौहिण मुहूर्त (दोपहर12:47से01:36)और अपराह्न काल (दोपहर01:36से04:03)में श्राद्ध करना सबसे फलदायी होता है। कोशिश करें कि इसी समय सीमा के अंदर आप तर्पण और बाकी विधि-विधान पूरे कर लें।क्या है श्राद्ध की सरल विधि?स्वच्छता और दिशा:सुबह स्नान करके साफ़,धुले हुए (विशेषकर पीले) वस्त्र पहनें। घर के किसी शांत कोने में या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें।तर्पण:एक पात्र में गंगाजल या साफ़ जल लें। उसमें थोड़े काले तिल,जौ और सफ़ेद फूल मिलाएँ। अब इस जल को हाथ में लेकर धीरे-धीरे अपने पितरों का ध्यान करते हुए अर्पित करें। यह प्रक्रिया'तर्पण'कहलाती है,जिसका अर्थ है पितरों की आत्मा को तृप्त करना।पिंडदान:इसके बाद चावल के आटे या पके हुए चावल और तिल से बने गोले (पिंड) का दान किया जाता है।भोजन का महत्व:श्राद्ध में भोजन का विशेष महत्व है। अपने पितरों की पसंद का सात्विक भोजन (बिना लहसुन-प्याज का) बनाएं। सबसे पहले इस भोजन में से पाँच हिस्से निकालें - एक गाय के लिए,एक कुत्ते के लिए,एक कौवे के लिए,एक चींटी के लिए और एक देवताओं के लिए।ब्राह्मण को भोजन:इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं और उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा और वस्त्र दान करें।माना जाता है कि सच्चे मन से की गई यह सेवा हमारे पितरों को प्रसन्न करती है और वे अपने परिवार को सुख,समृद्धि,और आरोग्य का आशीर्वाद देते हैं।
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