News India live, Digital Desk: की लत आज समाज में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। इसका सेवन दुनिया भर में कई घातक बीमारियों का मूल कारण है। चाहे वह धूम्रपान के रूप में हो या तंबाकू चबाने के रूप में, यह धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। तम्बाकू न केवल एक बुरी आदत है, बल्कि एक धीमा जहर है जिसका पुरुषों और महिलाओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लेकिन कभी-कभी इसके लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं, जिससे लोग जागने में असमर्थ हो जाते हैं।
तम्बाकू का सबसे पहला और सबसे घातक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है । सिगरेट और बीड़ी पीने से फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है और समय के साथ क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के कैंसर के विकसित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। महिलाओं पर तम्बाकू का प्रभाव विशेष रूप से चिंताजनक है। क्योंकि इससे न केवल उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि उनके हार्मोनल सिस्टम, हड्डियों और प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है।
तंबाकू के सेवन के कारण पुरुषों में सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी और सीने में जकड़न जैसे लक्षण आम हैं। कई मामलों में, ये लक्षण लम्बे समय तक ध्यान में नहीं आते और जब तक मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है, तब तक रोग काफी बढ़ चुका होता है। तम्बाकू का सेवन करने वालों में फेफड़े का कैंसर और दिल का दौरा जैसी बीमारियाँ अधिक आम हैं। पुरुषों में भी तम्बाकू की लत का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पाया गया है। इससे शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या प्रभावित हो सकती है, जिससे पुरुष बांझपन हो सकता है। तम्बाकू के उपयोग से पुरुषों में फेफड़े के कैंसर, मुंह के कैंसर, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। लंबे समय तक इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है।
महिलाओं में तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियाँ
तम्बाकू के सेवन से महिलाओं में हार्मोन असंतुलन हो सकता है। इससे मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं, पीसीओएस और बांझपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान तम्बाकू का सेवन अजन्मे बच्चे के लिए अत्यंत हानिकारक है। इससे गर्भपात, समय से पहले जन्म और कम वजन वाले शिशु के जन्म का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, तम्बाकू धूम्रपान करने वाली महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। निष्क्रिय धूम्रपान, अर्थात् तम्बाकू के धुएं के अप्रत्यक्ष संपर्क में आना भी उतना ही खतरनाक है।
तम्बाकू कैसे छोड़ें?
तम्बाकू छोड़ना आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं है। आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर धूम्रपान छोड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार तम्बाकू निवारण कार्यक्रम, परामर्श सेवाएं और निकोटीन प्रतिस्थापन चिकित्सा जैसी सहायता भी प्रदान करती है। इसकी मदद से आप तंबाकू की लत छोड़ सकते हैं। तम्बाकू छोड़ने का निर्णय जितनी जल्दी लिया जाएगा, शरीर के लिए उतना ही बेहतर होगा। साथ ही, समाज में तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा की जानी चाहिए तथा इसे सामान्य व्यवहार के रूप में स्वीकार करने की प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए।
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