News India live, Digital Desk: Foreign policy of Modi government: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नासिक में ‘विश्वगुरु भारत’ कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए मोदी सरकार के पिछले 10 सालों की विदेश नीति पर खुलकर बात की। उन्होंने साफ़ शब्दों में बताया कि कैसे भारत की विदेश नीति अब रक्षात्मक होने के बजाय आत्मविश्वास से भरी और मुखर हो गई है, जिसका मूलमंत्र है- ‘भारत पहले’ (India First)।
आतंकवाद पर अब कोई समझौता नहीं
जयशंकर ने 26/11 मुंबई हमले का उदाहरण देते हुए पुरानी और नई नीति का फर्क समझाया। उन्होंने कहा, “पहले जब मुंबई जैसा हमला होता था, तो हमारा ध्यान पाकिस्तान को दोषी ठहराने पर होता था। दुनिया भी कहती थी कि दोनों देश संयम बरतें। लेकिन अब ऐसा नहीं है।” उन्होंने उरी और पुलवामा हमलों के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि अब दुनिया जानती है कि भारत आतंकवाद पर चुप नहीं बैठेगा, बल्कि अपनी धरती पर हुए हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा।
चीन को सीमा पर सीधी चुनौती
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने समझौतों का उल्लंघन कर सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए। इसके जवाब में भारत ने भी अपनी सेना की अभूतपूर्व तैनाती की है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह दृढ़ हैं। जब तक सीमा पर शांति स्थापित नहीं होती, तब तक रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।” यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है।
दुनिया में बढ़ा भारत का कद
विदेश मंत्री ने बताया कि आज दुनिया भारत की बात सुनती है। G20 की सफल अध्यक्षता इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ अपने हितों की बात नहीं करता, बल्कि दुनिया के लिए ‘संकटमोचक’ भी बन रहा है। जब श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब भारत ने आगे बढ़कर मदद की। यह ‘विश्वगुरु भारत’ की सोच को दर्शाता है।
हर भारतीय की सुरक्षा ‘मोदी की गारंटी’
जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार के लिए विदेश में रहने वाला हर भारतीय महत्वपूर्ण है। उन्होंने यूक्रेन, सूडान और अन्य संघर्ष क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियानों का जिक्र करते हुए कहा, “यह ‘मोदी की गारंटी’ है कि दुनिया के किसी भी कोने में अगर कोई भारतीय संकट में है, तो उसकी सरकार उसे सुरक्षित वापस लाएगी।”
संक्षेप में, एस. जयशंकर ने एक ऐसे ‘नए भारत’ की तस्वीर पेश की, जो आत्मविश्वास से भरा है, अपने हितों की रक्षा करना जानता है और वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और शक्तिशाली देश के रूप में अपनी जगह बना चुका है।
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