News India Live, Digital Desk: सदियां बीत गईं, लेकिन आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही सच्ची और सटीक हैं, जितनी वो अपने समय में थीं. उनकी बातें सिर्फ राज-पाट चलाने के लिए नहीं, बल्कि एक आम इंसान को सफल और अमीर बनाने का भी अचूक मंत्र देती हैं. चाणक्य का मानना था कि किसी भी व्यक्ति को महान बनने के लिए किसी खास कुल में जन्म लेना जरूरी नहीं है, बल्कि उसकी आदतें ही उसे ज़मीन से उठाकर आसमान पर बिठाती हैं.अक्सर हम सफलता पाने के लिए बड़े-बड़े प्लान बनाते हैं, लेकिन चाणक्य कहते हैं कि कामयाबी का राज हमारी रोज़ की छोटी-छोटी आदतों में छिपा है. आइए जानते हैं उन 4 आदतों के बारे में, जिन्हें अपनाकर कोई भी इंसान अपने भाग्य का निर्माता खुद बन सकता है.1. आज का काम आज, अभी! (अनुशासन)यह सुनने में बहुत छोटी बात लगती है, लेकिन चाणक्य इसे सफलता की पहली सीढ़ी मानते हैं. जो व्यक्ति अपने काम को कल पर टालता है, सफलता भी उससे उतनी ही दूर चली जाती है. अनुशासन का मतलब सिर्फ समय पर उठना या सोना नहीं है, बल्कि अपने हर काम को तय समय पर पूरी लगन से पूरा करना है. जो लोग अनुशासित होते हैं, समय उनकी कद्र करता है और देवी लक्ष्मी भी ऐसे लोगों पर ही अपनी कृपा बरसाती हैं.2. कमाई से कम खर्च (धन का मैनेजमेंट)चाणक्य कहते थे कि समझदार व्यक्ति वही है, जो कमाई और खर्च के बीच संतुलन बनाकर चलता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते हैं, अगर आपके खर्च आपकी कमाई से ज़्यादा हैं, तो आप कभी अमीर नहीं बन सकते. भविष्य के लिए बचत करना और पैसे को सही जगह पर निवेश करना एक ऐसी आदत है, जो बुरे वक्त में आपकी सबसे बड़ी ढाल बनती है. जो व्यक्ति पैसों की इज़्ज़त करता है, पैसा भी उसकी इज़्ज़त करता है.3. सोच-समझकर बोलना (मीठी वाणी)आपकी वाणी आपका सबसे बड़ा हथियार भी हो सकती है और सबसे बड़ी दुश्मन भी. चाणक्य का मानना था कि बोलने से पहले हमेशा सोचना चाहिए. कड़वा बोलने वाला व्यक्ति कभी किसी का दिल नहीं जीत सकता, और जिसके पास लोगों का साथ नहीं होता, वो जीवन में कभी बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर पाता. मीठा और सोच-समझकर बोलने की आदत न सिर्फ आपके रिश्ते अच्छे बनाती है, बल्कि आपको समाज में मान-सम्मान भी दिलाती है.4. हमेशा सीखते रहना (ज्ञान का भूखा)चाणक्य के अनुसार, जिस व्यक्ति ने सीखना बंद कर दिया, समझो उसका विकास रुक गया. हालात कैसे भी हों, एक सफल व्यक्ति हमेशा कुछ नया सीखने के लिए तैयार रहता है. ज्ञान ही वो असली दौलत है, जिसे कोई आपसे छीन नहीं सकता. अपनी गलतियों से सीखना, दूसरों के अनुभवों से सीखना और हमेशा अपनी जानकारी को बढ़ाते रहना ही तरक्की का मूल मंत्र है.ये आदतें भले ही छोटी लगें, लेकिन इनका असर बहुत बड़ा होता है. ये किसी रॉकेट साइंस की तरह नहीं हैं, जिन्हें अपनाना मुश्किल हो. इन्हें अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में शामिल करके कोई भी व्यक्ति सफलता की उन ऊंचाइयों को छू सकता है, जिसका उसने कभी सपना देखा हो.
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