मॉस्को: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल मंगलवार को रूस पहुंचे हैं। रूसी मीडिया ने डोभाल के मॉस्को पहुंचने की पुष्टि करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में वह कई अहम बैठकें करेंगे। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता भी शामिल है। अजीत डोभाल की रूसी नेताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी और आपसी संबंधों को बेहतर करने पर चर्चा होनी है। ट्रंप की ओर से मिल रही धमकियों के बीच डोभाल मॉस्को पहुंचे हैं। माना जा रहा है डोभाल मॉस्को में तेल खरीद पर बड़ी डील कर सकते हैं।
रक्षा और ऊर्जा सहयोग पर बातचीत के लिए डोभाल का रूस का उच्च-स्तरीय दौरा पहले ये तय था। उनके दौरे से ठीक पहले सोमवार और फिर मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर नए टैरिफ का ऐलान किया है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर जुर्माना लगाने की बात कही है। इससे भारत और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं और डोभाल के दौरे का महत्व बढ़ गया है।
पुतिन के सामने स्पष्ट करेंगे नीति!मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजीत डोभाल व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक में रूसी तेल आयात पर नई दिल्ली की रणनीति को स्पष्ट करने की योजना बना रहे हैं। रूस की ओर से भारत को तेल पर ज्यादा छूट का ऑफर मिलने की उम्मीद की जा रही है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर भी इस महीने के अंत में रूस का दौरा करेंगे। ये दिखाता है कि रूस और भारत के बीच गहन बातचीत चल रही है।
भारत का रूस से तेल खरीदने का मुद्दा इस समय पूरी दुनिया में चर्चा में है। इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत को दी गई धमकियां हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस से तेल खरीदकर भारत यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है। ऐसे में अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर भारी भरकम टैरिफ लगाने जा रहा है।
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भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को अनुचित बताते हुए खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। भारत दुनिया में चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।
रक्षा और ऊर्जा सहयोग पर बातचीत के लिए डोभाल का रूस का उच्च-स्तरीय दौरा पहले ये तय था। उनके दौरे से ठीक पहले सोमवार और फिर मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर नए टैरिफ का ऐलान किया है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर जुर्माना लगाने की बात कही है। इससे भारत और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं और डोभाल के दौरे का महत्व बढ़ गया है।
पुतिन के सामने स्पष्ट करेंगे नीति!मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अजीत डोभाल व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक में रूसी तेल आयात पर नई दिल्ली की रणनीति को स्पष्ट करने की योजना बना रहे हैं। रूस की ओर से भारत को तेल पर ज्यादा छूट का ऑफर मिलने की उम्मीद की जा रही है। भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर भी इस महीने के अंत में रूस का दौरा करेंगे। ये दिखाता है कि रूस और भारत के बीच गहन बातचीत चल रही है।
भारत का रूस से तेल खरीदने का मुद्दा इस समय पूरी दुनिया में चर्चा में है। इसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत को दी गई धमकियां हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस से तेल खरीदकर भारत यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है। ऐसे में अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर भारी भरकम टैरिफ लगाने जा रहा है।
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भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को अनुचित बताते हुए खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। भारत दुनिया में चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।
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