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अफगानिस्तान को घेरने की कोशिश, पाकिस्तान ने बंद कर दिया बॉर्डर, भारत कैसे कर सकता है तालिबान की मदद

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इस्लामाबाद: तालिबान के जवाबी हमले में 58 सैनिकों की मौत से बौखलाए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी सीमा को बंद कर दिया है। इससे तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान में हालात और खराब होने की आशंका है। अफगानिस्तान पहले से ही संकट से गुजर रहा है। देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान का 95 प्रतिशत निर्यात पाकिस्तान के जरिए होता है। इस कारण पाकिस्तान सीमा के बंद हो जाने से अफगानिस्तान का पूरा विदेशी व्यापार ठप होने की आशंका है। ऐसे में अफगानिस्तान को भारत की मदद की जरूरत है।





पाकिस्तान ने कौन सी बॉर्डर क्रॉसिंग बंद कीस्थानीय अधिकारियों ने बताया कि अफगानिस्तान से लगी पाकिस्तान की दो मुख्य सीमाएं, तोरखम और चमन, रविवार को बंद कर दी गईं। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि खारलाची, अंगूर अड्डा और गुलाम खान स्थित कम से कम तीन छोटी सीमाएं भी बंद कर दी गईं। सीमा बंद करने पर काबुल की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि उनका अभियान स्थानीय समयानुसार आधी रात को समाप्त हो गया था।





पाकिस्तान-अफगानिस्तान में क्यों शुरू हुईं झड़पेंदरअसल, चंद दिनों पहले पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में जबरदस्त हवाई हमले किए थे। इन हमलों में पाकिस्तान ने काबुल को भी निशाना बनाया था। पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों को निशाना बनाकर हमले किए हैं। लेकिन, तालिबान ने इसे संप्रभुता का मुद्दा करार दिया और शनिवार देर रात सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए। इस दौरान हुई झड़पों में दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।





पाकिस्तान पर कितना निर्भर है अफगानिस्तानअफगनिस्तान चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ है। अफगानिस्तान की पाकिस्तान के साथ 2,600 किलोमीटर (1,600 मील) लंबी सीमा है। इस देश की कोई समुद्री सीमा नहीं है। ऐसे में अफगानिस्तान चाहकर भी अपनी जमीन से समुद्र के रास्ते व्यापार नहीं कर सकता। उसे या तो पाकिस्तान और नहीं तो ईरान की मदद लेनी ही होगी। अफगानिस्तान के उत्तर में तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं, जो खुद विदेशी व्यापार के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं। ऐसे में अफगानिस्तान को पाकिस्तान के रास्ते सबसे नजदीकी समुद्री बंदरगाह कराची तक पहुंच मिलती है।





भारत कैसे कर सकता है तालिबान की मददभारत पिछले कुछ वर्षों से ईरान में चाबहार बंदरगाह को ऑपरेट कर रहा है। भारत के इस बंदरगाह को ऑपरेट करने का एक मकसद अफगानिस्तान से व्यापार का एक नया रास्ता भी तैयार करना है, ताकि वह पाकिस्तान से निर्भरता हटा सके। इसके लिए भारत की लंबी योजना है, जिसमें चाबहार को सड़क और रेल नेटवर्क से अफगानिस्तान को कनेक्ट करना है। वर्तमान में चाबहार पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद भारत ने नई दिल्ली आए तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से चाबहार बंदरगाह पर बात की है। ऐसे माना जा रहा है कि तालिबान भी पाकिस्तान से निर्भरता हटाने के लिए चाबहार के इस्तेमाल को इच्छुक है।
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