सागर: जरा सोचिए, आप सोफे पर आराम फरमा रहे हों और पीछे खतरनाक काला नाग कुंडली मारे फुफकार रहा हो! क्या हालत होगी। सागर में एक साइंटिस्ट के साथ कुछ ऐसे ही वाक्या घटित हो गया। उन्हें वाकई सांप सूंघ गया! काले नाग के रूप में सोफे के पीछे बैठी मौत का अहसास होते ही वे जान बचाकर घर से बाहर भागे।
एमपी के सागर में कृषि अनुसन्धान केंद्र में पदस्थ साइंटिस्ट मयंक मेहरा अपने घर में सुबह-सुबह आराम के मूड में सोफे पर बैठे थे। उन्हें अहसास हुआ की सोफे के पास से कुछ अजीब आवाज आ रही है। जिज्ञासा और एहतियात के चलते उन्होंने पीछे देखा तो उनके होश उड़ गए। जो दिखा उसके बाद कुछ सेकंड के लिए फ्रीज हो गए। वहां खतरनाक काला नाग कुंडली मारे बैठा, फुफकार रहा था। उन्होंने खुद को संभाला और क्वार्टर से बाहर की तरफ दौड़ लगा दी। उन्हें घबराया देखकर पड़ोसी आ गए। घर में सांप की मौजूदगी की जानकारी लगने के बाद किसी ने स्नेक कैचर बबलू पवार को फोन पर सूचना देकर बुलाया था।
मशक्कत के बाद काबू में आया कोबरा
क़ृषि वैज्ञानिक मयंक मेहरा के यहां पहुंचे स्नेक कैचर बबलू पवार ने घर के अंदर जाकर सांप की तलाश की तो वह सोफे के पीछे ज़मीन पर छिपा था। मशककत के बाद उन्होंने काले नाग को काबू में कर लिया।
पांच फ़ीट लम्बा कोबरा, डस ले तो मिनटों में काम तमाम
स्नेक कैचर बबलू पवार ने बताया की कृषि वैज्ञानिक के सरकारी आवास से करीब 5 फ़ीट लम्बे कोबरा का रेस्क्यू किया है। यह कोबरा प्रजाति का है। बहुत ही खतरनाक और जहरीला होता है। इंसान को डस ले तो मिनटों में इंसान का काम तमाम हो सकता है। बारिश के मौसम में बिलों में पानी भरने और उमस के कारण यह सूखे और सुरक्षित स्थान की तलाश में घरों में घुस जाते हैं। कभी—कभी चूहों का शिकार करने की नियत से भी घरों तक पहुंच जाते हैं। लोगों को इस मौसम में सतर्क रहना चाहिए।
एमपी के सागर में कृषि अनुसन्धान केंद्र में पदस्थ साइंटिस्ट मयंक मेहरा अपने घर में सुबह-सुबह आराम के मूड में सोफे पर बैठे थे। उन्हें अहसास हुआ की सोफे के पास से कुछ अजीब आवाज आ रही है। जिज्ञासा और एहतियात के चलते उन्होंने पीछे देखा तो उनके होश उड़ गए। जो दिखा उसके बाद कुछ सेकंड के लिए फ्रीज हो गए। वहां खतरनाक काला नाग कुंडली मारे बैठा, फुफकार रहा था। उन्होंने खुद को संभाला और क्वार्टर से बाहर की तरफ दौड़ लगा दी। उन्हें घबराया देखकर पड़ोसी आ गए। घर में सांप की मौजूदगी की जानकारी लगने के बाद किसी ने स्नेक कैचर बबलू पवार को फोन पर सूचना देकर बुलाया था।
मशक्कत के बाद काबू में आया कोबरा
क़ृषि वैज्ञानिक मयंक मेहरा के यहां पहुंचे स्नेक कैचर बबलू पवार ने घर के अंदर जाकर सांप की तलाश की तो वह सोफे के पीछे ज़मीन पर छिपा था। मशककत के बाद उन्होंने काले नाग को काबू में कर लिया।
पांच फ़ीट लम्बा कोबरा, डस ले तो मिनटों में काम तमाम
स्नेक कैचर बबलू पवार ने बताया की कृषि वैज्ञानिक के सरकारी आवास से करीब 5 फ़ीट लम्बे कोबरा का रेस्क्यू किया है। यह कोबरा प्रजाति का है। बहुत ही खतरनाक और जहरीला होता है। इंसान को डस ले तो मिनटों में इंसान का काम तमाम हो सकता है। बारिश के मौसम में बिलों में पानी भरने और उमस के कारण यह सूखे और सुरक्षित स्थान की तलाश में घरों में घुस जाते हैं। कभी—कभी चूहों का शिकार करने की नियत से भी घरों तक पहुंच जाते हैं। लोगों को इस मौसम में सतर्क रहना चाहिए।
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