नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से टैरिफ लगाना शुरू किया है, भारत और चीन के संबंध साल 2020 के बाद फिर से गहरे हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई व्यापारिक समझौते हुए हैं। इनमें रेयर अर्थ मेटल, बॉर्डर ट्रेड, फ्लाइट का फिर से शुरू होना आदि शामिल हैं। दोनों देशों की करीबी अमेरिका को संकट में डाल सकती है। दोनों देश एक दूसरे से व्यापार बढ़ा सकते हैं।
ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत और चीन, दोनों के लिए इस बात की चिंताएं पैदा हो गई हैं तो अमेरिका में व्यापार करना काफी मुश्किल होगा। चूंकि दोनों देशों को अपना-अपना सामान बेचना है, ऐसे में इनका एक-दूसरे के करीब आना स्वाभाविक लग रहा है। लेकिन इससे अमेरिका को टेंशन हो सकती है। वैसे यह अमेरिका का टैरिफ ही है जो साल 2020 के बाद दोनों देशों को करीब ले आया है।
खुल गए कई रास्तेहाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत की यात्रा पर आए थे। वह विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। इस दौरान दोनों देशों ने सीमा पर व्यापार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। दोनों देश तीन रास्तों को खोलेंगे। साथ ही, सीधी उड़ानें भी शुरू होंगी। यह सब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और रिश्तों को सुधारने के लिए किया जा रहा है।
कितने करीब आ रहे भारत और चीन? 1. सीमा व्यापार
भारत और चीन तीन रास्तों (लिपुलेख, शिपकी ला और नाथू ला) से व्यापार फिर से शुरू करेंगे। इससे सीमा के आसपास आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
2. उड़ानें और वीजा
दोनों देश जल्द से जल्द सीधी उड़ानें शुरू करेंगे। वे एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को भी अपडेट करेंगे। पर्यटकों, व्यापारियों, मीडिया और अन्य लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इससे लोगों का आपस में मिलना-जुलना बढ़ेगा।
3. निवेश और सहयोग
भारत और चीन व्यापार, निवेश और आपसी लेन-देन को बढ़ावा देंगे। वे बातचीत के पुराने तरीकों को भी फिर से शुरू करेंगे। इसमें साल 2026 में होने वाली तीसरी भारत-चीन उच्च-स्तरीय जन-से-जन संपर्क बैठक भी शामिल है।
4. सीमा पार नदियां
दोनों देश नदियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए मिलकर काम करेंगे। चीन ने यह भी कहा कि अगर कोई आपात स्थिति आती है, तो वह मानवीय आधार पर पानी से जुड़ी जानकारी देगा।
5. वैश्विक सहयोग
भारत और चीन ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों का समर्थन करते हैं। वे एक ऐसी दुनिया चाहते हैं जिसमें विकासशील देशों के हितों की रक्षा हो।
6. बैन हटाना
चीन ने रेयर अर्थ मेटल, फर्टिलाइजर और टनल बोरिंग मशीन के एक्सपोर्ट को लेकर रोक लगा रखी थी। चीन ने अब इस रोक को भी हटा दिया है। चीन अब फिर से इन तीनों चीजों को भारत को एक्सपोर्ट करेगा।
दोनों देशों की करीबी क्या रंग लाएगी?दोनों देशों ने सीमा के मुद्दे पर खुलकर बात की। वे साल 2005 के समझौते के अनुसार उचित, तर्कसंगत और आपसी सहमति से समाधान निकालने पर सहमत हुए। भारत ने चीन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन का समर्थन किया। चीन ने साल 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन का स्वागत किया। भारत 2027 में चीन में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन का समर्थन करेगा। माना जा रहा है कि जिस प्रकार से दोनों देश एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, इससे अमेरिका को परेशानी हो सकती है।
ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत और चीन, दोनों के लिए इस बात की चिंताएं पैदा हो गई हैं तो अमेरिका में व्यापार करना काफी मुश्किल होगा। चूंकि दोनों देशों को अपना-अपना सामान बेचना है, ऐसे में इनका एक-दूसरे के करीब आना स्वाभाविक लग रहा है। लेकिन इससे अमेरिका को टेंशन हो सकती है। वैसे यह अमेरिका का टैरिफ ही है जो साल 2020 के बाद दोनों देशों को करीब ले आया है।
खुल गए कई रास्तेहाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत की यात्रा पर आए थे। वह विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। इस दौरान दोनों देशों ने सीमा पर व्यापार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। दोनों देश तीन रास्तों को खोलेंगे। साथ ही, सीधी उड़ानें भी शुरू होंगी। यह सब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और रिश्तों को सुधारने के लिए किया जा रहा है।
कितने करीब आ रहे भारत और चीन? 1. सीमा व्यापार
भारत और चीन तीन रास्तों (लिपुलेख, शिपकी ला और नाथू ला) से व्यापार फिर से शुरू करेंगे। इससे सीमा के आसपास आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
2. उड़ानें और वीजा
दोनों देश जल्द से जल्द सीधी उड़ानें शुरू करेंगे। वे एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को भी अपडेट करेंगे। पर्यटकों, व्यापारियों, मीडिया और अन्य लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इससे लोगों का आपस में मिलना-जुलना बढ़ेगा।
3. निवेश और सहयोग
भारत और चीन व्यापार, निवेश और आपसी लेन-देन को बढ़ावा देंगे। वे बातचीत के पुराने तरीकों को भी फिर से शुरू करेंगे। इसमें साल 2026 में होने वाली तीसरी भारत-चीन उच्च-स्तरीय जन-से-जन संपर्क बैठक भी शामिल है।
4. सीमा पार नदियां
दोनों देश नदियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए मिलकर काम करेंगे। चीन ने यह भी कहा कि अगर कोई आपात स्थिति आती है, तो वह मानवीय आधार पर पानी से जुड़ी जानकारी देगा।
5. वैश्विक सहयोग
भारत और चीन ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों का समर्थन करते हैं। वे एक ऐसी दुनिया चाहते हैं जिसमें विकासशील देशों के हितों की रक्षा हो।
6. बैन हटाना
चीन ने रेयर अर्थ मेटल, फर्टिलाइजर और टनल बोरिंग मशीन के एक्सपोर्ट को लेकर रोक लगा रखी थी। चीन ने अब इस रोक को भी हटा दिया है। चीन अब फिर से इन तीनों चीजों को भारत को एक्सपोर्ट करेगा।
दोनों देशों की करीबी क्या रंग लाएगी?दोनों देशों ने सीमा के मुद्दे पर खुलकर बात की। वे साल 2005 के समझौते के अनुसार उचित, तर्कसंगत और आपसी सहमति से समाधान निकालने पर सहमत हुए। भारत ने चीन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन का समर्थन किया। चीन ने साल 2026 में भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन का स्वागत किया। भारत 2027 में चीन में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन का समर्थन करेगा। माना जा रहा है कि जिस प्रकार से दोनों देश एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, इससे अमेरिका को परेशानी हो सकती है।
You may also like
फिजी के प्रधानमंत्री का तीन दिवसीय भारत दौरा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
'एक दीवाने की दीवानियत' का फर्स्ट लुक आउट, इस दिन होगी रिलीज
सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन के लिए रैपिडो पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
मैं जल्दबाजी में नहीं, बस सही प्रोजेक्ट चुनना चाहती हूं: सई मांजरेकर
Old Railway Tickets Viral: वायरल हो रहा पुराना रेलवे टिकट, लोगों की यादें हुई ताजा