नई दिल्ली: भारत ने रेल आधारित मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली से 2,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिससे देशभर में इस मिसाइल को तैनात करने की इसकी क्षमता प्रदर्शित हुई है। इसकी सफलता में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सामरिक बल कमान (एसएफसी) दोनों की अहम भूमिका है।
अगली पीढ़ी की मिसाइल के परीक्षण के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इससे भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल प्रक्षेपण करने की क्षमता है।
इस प्रक्षेपण की तुलना भारत की लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि-5 से की जा रही है। दोनों ही अग्नि परिवार से संबंधित हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं और देश की रक्षा के लिए अद्वितीय लाभ प्रदान करती हैं। तो चलिए जानते हैं कि अग्नि 5 और अग्नि प्राइम में खास अंतर क्या है? दोनों में दुश्मनों के लिए सबसे अधिक घातक कौन है...
अग्नि प्राइम दुश्मनों के लिए कितना खतरनाक
अग्नि-प्राइम भारत की अगली पीढ़ी की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जो 2000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इसे रेल-आधारित मोबाइल प्लेटफॉर्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है। हाल ही में किए गए परीक्षण में भारत के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से एकीकृत एक रेल-आधारित लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया। इसे लॉन्च करने में ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं होती है, यानी जल्द ही यह हमलावर हो सकता है।
इसकी एक और सबसे बड़ी खासियत है कि मिसाइलों को टनल में छिपाकर रखा जा सकता है और जब चाहा, बाहर निकालकर दागा जा सकता है। इसमें एक खास सिस्टम लगा है, जिससे दुश्मन देशों को इसका पता नहीं चल पाएगा और यह अटैक कर देगा । विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक इसकी लॉन्चिंगहोगी तब तक उस ट्रैक पर सामान्य रेल यातायात रोकना पड़ेगा।
अग्नि-5 मिसाइल की खासियत
अग्नि-5 भारत की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से भी ज्यादा है। यह तीन चरणों वाली ठोस ईंधन वाली मिसाइल है जिसे तेजी से तैनात करने के लिए कैनिस्टर से प्रक्षेपित किया जाता है। अग्नि-5 का एक बड़ा फायदा इसकी MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) क्षमता है, जिसका प्रदर्शन 2024 के 'मिशन दिव्यास्त्र' परीक्षण में किया गया था। यह मिसाइल तीन से चार परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, जिनमें से प्रत्येक एक अलग लक्ष्य पर लक्षित होता है, जिससे भारत को एक शक्तिशाली लंबी दूरी की प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती है।
दोनों मिसाइलें क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अग्नि-प्राइम और अग्नि-5 एक-दूसरे के पूरक हैं और एक बहुस्तरीय निवारक रणनीति बनाते हैं। अग्नि-प्राइम त्वरित, गतिशील, क्षेत्रीय कवरेज सुनिश्चित करता है, जबकि अग्नि-5 भारत की लंबी दूरी की सामरिक क्षमता को मजबूत करता है। अग्नि-प्राइम की रेल-आधारित गतिशीलता इसे एक विशेष अतिरिक्त बनाती है, जिससे भारत को मिसाइलों को तेजी से और अप्रत्याशित रूप से तैनात करने की क्षमता मिलती है, जो देश की सामरिक रक्षा तकनीक में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अगली पीढ़ी की मिसाइल के परीक्षण के एक दिन बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि इससे भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास रेल नेटवर्क से मिसाइल प्रक्षेपण करने की क्षमता है।
इस प्रक्षेपण की तुलना भारत की लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि-5 से की जा रही है। दोनों ही अग्नि परिवार से संबंधित हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं और देश की रक्षा के लिए अद्वितीय लाभ प्रदान करती हैं। तो चलिए जानते हैं कि अग्नि 5 और अग्नि प्राइम में खास अंतर क्या है? दोनों में दुश्मनों के लिए सबसे अधिक घातक कौन है...
अग्नि प्राइम दुश्मनों के लिए कितना खतरनाक
अग्नि-प्राइम भारत की अगली पीढ़ी की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जो 2000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इसे रेल-आधारित मोबाइल प्लेटफॉर्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है। हाल ही में किए गए परीक्षण में भारत के राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से एकीकृत एक रेल-आधारित लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया। इसे लॉन्च करने में ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं होती है, यानी जल्द ही यह हमलावर हो सकता है।
इसकी एक और सबसे बड़ी खासियत है कि मिसाइलों को टनल में छिपाकर रखा जा सकता है और जब चाहा, बाहर निकालकर दागा जा सकता है। इसमें एक खास सिस्टम लगा है, जिससे दुश्मन देशों को इसका पता नहीं चल पाएगा और यह अटैक कर देगा । विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक इसकी लॉन्चिंगहोगी तब तक उस ट्रैक पर सामान्य रेल यातायात रोकना पड़ेगा।
अग्नि-5 मिसाइल की खासियत
अग्नि-5 भारत की सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से भी ज्यादा है। यह तीन चरणों वाली ठोस ईंधन वाली मिसाइल है जिसे तेजी से तैनात करने के लिए कैनिस्टर से प्रक्षेपित किया जाता है। अग्नि-5 का एक बड़ा फायदा इसकी MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) क्षमता है, जिसका प्रदर्शन 2024 के 'मिशन दिव्यास्त्र' परीक्षण में किया गया था। यह मिसाइल तीन से चार परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, जिनमें से प्रत्येक एक अलग लक्ष्य पर लक्षित होता है, जिससे भारत को एक शक्तिशाली लंबी दूरी की प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती है।
दोनों मिसाइलें क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अग्नि-प्राइम और अग्नि-5 एक-दूसरे के पूरक हैं और एक बहुस्तरीय निवारक रणनीति बनाते हैं। अग्नि-प्राइम त्वरित, गतिशील, क्षेत्रीय कवरेज सुनिश्चित करता है, जबकि अग्नि-5 भारत की लंबी दूरी की सामरिक क्षमता को मजबूत करता है। अग्नि-प्राइम की रेल-आधारित गतिशीलता इसे एक विशेष अतिरिक्त बनाती है, जिससे भारत को मिसाइलों को तेजी से और अप्रत्याशित रूप से तैनात करने की क्षमता मिलती है, जो देश की सामरिक रक्षा तकनीक में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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