पटनाः: सी वोटर की ओर से शुक्रवार को किए गए एक नए जनमत सर्वेक्षण के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सत्ता बरकरार रखने की 40 प्रतिशत संभावना है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाला महागठबंधन 38.3 प्रतिशत संभावना के साथ कांटे की टक्कर में दूसरे स्थान पर है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज बनी तीसरी ताकत
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, 13.3 प्रतिशत लोगों के समर्थन के साथ वरीयता सूची में तीसरे स्थान पर है। प्रशांत किशोर की पार्टी से एनडीए या महागठबंधन में किसे ज्यादा नुकसान होगा, यह कहना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी सबसे लोकप्रिय चेहरा
जब बात मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा विकल्प की आती है, तो परिदृश्य बदल जाता है। तेजस्वी यादव 36.5 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे हैं।
उनके बाद प्रशांत किशोर 23.2 प्रतिशत के साथ दूसरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15.9 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर हैं। चिराग पासवान 8.8 प्रतिशत लोगों के समर्थन के साथ चौथे स्थान पर हैं।
बिहार की समस्याओं का समाधान कौन करेगा?
जब उत्तरदाताओं से पूछा गया कि बिहार की समस्याओं का समाधान कौन कर सकता है, तो महागठबंधन को 36.5 प्रतिशत लोगों ने चुना, जबकि एनडीए को 34.3 प्रतिशत ने प्राथमिकता दी। जन सुराज को 12.8 प्रतिशत लोगों ने चुना, जबकि 9.4 प्रतिशत ने कहा कि कोई भी ऐसा नहीं कर सकता।
प्रशांत किशोर की जन सुराज बनी तीसरी ताकत
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, 13.3 प्रतिशत लोगों के समर्थन के साथ वरीयता सूची में तीसरे स्थान पर है। प्रशांत किशोर की पार्टी से एनडीए या महागठबंधन में किसे ज्यादा नुकसान होगा, यह कहना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी सबसे लोकप्रिय चेहरा
जब बात मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा विकल्प की आती है, तो परिदृश्य बदल जाता है। तेजस्वी यादव 36.5 प्रतिशत समर्थन के साथ सबसे लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरे हैं।
उनके बाद प्रशांत किशोर 23.2 प्रतिशत के साथ दूसरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15.9 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर हैं। चिराग पासवान 8.8 प्रतिशत लोगों के समर्थन के साथ चौथे स्थान पर हैं।
बिहार की समस्याओं का समाधान कौन करेगा?
जब उत्तरदाताओं से पूछा गया कि बिहार की समस्याओं का समाधान कौन कर सकता है, तो महागठबंधन को 36.5 प्रतिशत लोगों ने चुना, जबकि एनडीए को 34.3 प्रतिशत ने प्राथमिकता दी। जन सुराज को 12.8 प्रतिशत लोगों ने चुना, जबकि 9.4 प्रतिशत ने कहा कि कोई भी ऐसा नहीं कर सकता।
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