नई दिल्ली: क्या आप 26 करोड़ के होटल को मात्र 118 रुपये में खरीदना चाहेंगे? इंग्लैंड के केटरिंग शहर में 147 साल पुराना रॉयल होटल नीलाम होने जा रहा है। प्रॉपर्टी डेवलपर नाइम पेमैन ने इसे साल 2020 में 26 करोड़ रुपये में खरीदा था। वह इस पर 38 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं।
उन्होंने इसके रेस्टोरेशन पर 12 करोड़ रुपए भी खर्च किए। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी इसका काम पूरा नहीं हो पाया है। पैमेन के पास अब पैसे नहीं है। इसलिए वे इसे बिना किसी रिजर्व प्राइस के मात्र 1 पाउंड (करीब 118 रुपये) में नीलाम करने जा रहे हैं। हालांकि शर्त है कि खरीदने वाले को इस होटल के अधूरे काम पूरे करने के लिए 12 करोड़ और खर्च करने होंगे। यह नीलामी 31 जुलाई को होगी।
क्या था पेमैन का प्लान?पेमैन इस होटल को एक शानदार जगह बनाना चाहते थे। वह इसे शादी का वेन्यू, रेस्टोरेंट, नाइट क्लब और कैफे बनाना चाहते थे। लेकिन अब उनका कहना है कि उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं। इसलिए वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। अब प्रॉपर्टी ढूंढने वालों को यह विक्टोरियन इमारत सिर्फ एक पाउंड में खरीदने का मौका मिल रहा है।
ऐतिहासिक है होटलइस होटल में 43 कमरे हैं। इसका इतिहास 147 साल पुराना है। इसमें कभी क्वीन विक्टोरिया और चार्ल्स डिकेंस जैसी हस्तियां भी ठहर चुकी हैं। अगर आप इसे खरीदते हैं तो आपको होटल की मुख्य इमारत मिलेगी। इसमें एक बड़ा बॉलरूम, एक बिलियर्ड रूम (जिसमें कांच का गुंबद है), पुराना बार और कई कार्यक्रम करने की जगहें भी मिलेंगी।
क्यों बेचना चाहते हैं इसे?पेमैन ने कहा, 'पिछले एक साल में मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैं प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जरूरी पैसे नहीं जुटा पाया।' उन्होंने बताया कि एक निवेशक 4 मिलियन डॉलर देने को तैयार था, लेकिन बाद में उसने मना कर दिया। इसलिए उनके पास समय और पैसा दोनों खत्म हो गए।
उन्होंने कहा, 'मुझे यह बहुत मुश्किल फैसला लेना पड़ा कि मैं इसे बेच दूं।' पायमन ने उम्मीद जताई कि कोई ऐसा व्यक्ति आगे आएगा जो रॉयल होटल के भविष्य के लिए उनके सपने को पूरा करेगा। वह चाहते हैं कि कोई इसे खरीदे और प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाए, न कि इसे अपार्टमेंट में बदल दे।
जैकोबियन शैली में बना है होटलयह होटल 1878 में ड्यूक ऑफ बुक्लेच ने जैकोबियन शैली में बनवाया था। साल 1896 में उन्होंने इसे ब्रुअर्स पिकरिंग, फिप्स एंड कंपनी को बेच दिया था। चार्ल्स डिकेंस साल 1835 में नॉर्थहैम्पटनशायर चुनावों को कवर करने के लिए मॉर्निंग क्रॉनिकल के रिपोर्टर के तौर पर इस होटल में रुके थे। साल 1844 में इस होटल का नाम बदल दिया गया। जब क्वीन विक्टोरिया स्टैमफोर्ड, लिंक्स जाते समय कमरे नंबर 12 में रुकी थीं, तब इसका नाम रॉयल होटल कर दिया गया।
उन्होंने इसके रेस्टोरेशन पर 12 करोड़ रुपए भी खर्च किए। इतना पैसा खर्च करने के बाद भी इसका काम पूरा नहीं हो पाया है। पैमेन के पास अब पैसे नहीं है। इसलिए वे इसे बिना किसी रिजर्व प्राइस के मात्र 1 पाउंड (करीब 118 रुपये) में नीलाम करने जा रहे हैं। हालांकि शर्त है कि खरीदने वाले को इस होटल के अधूरे काम पूरे करने के लिए 12 करोड़ और खर्च करने होंगे। यह नीलामी 31 जुलाई को होगी।
क्या था पेमैन का प्लान?पेमैन इस होटल को एक शानदार जगह बनाना चाहते थे। वह इसे शादी का वेन्यू, रेस्टोरेंट, नाइट क्लब और कैफे बनाना चाहते थे। लेकिन अब उनका कहना है कि उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं। इसलिए वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। अब प्रॉपर्टी ढूंढने वालों को यह विक्टोरियन इमारत सिर्फ एक पाउंड में खरीदने का मौका मिल रहा है।
ऐतिहासिक है होटलइस होटल में 43 कमरे हैं। इसका इतिहास 147 साल पुराना है। इसमें कभी क्वीन विक्टोरिया और चार्ल्स डिकेंस जैसी हस्तियां भी ठहर चुकी हैं। अगर आप इसे खरीदते हैं तो आपको होटल की मुख्य इमारत मिलेगी। इसमें एक बड़ा बॉलरूम, एक बिलियर्ड रूम (जिसमें कांच का गुंबद है), पुराना बार और कई कार्यक्रम करने की जगहें भी मिलेंगी।
क्यों बेचना चाहते हैं इसे?पेमैन ने कहा, 'पिछले एक साल में मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन मैं प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जरूरी पैसे नहीं जुटा पाया।' उन्होंने बताया कि एक निवेशक 4 मिलियन डॉलर देने को तैयार था, लेकिन बाद में उसने मना कर दिया। इसलिए उनके पास समय और पैसा दोनों खत्म हो गए।
उन्होंने कहा, 'मुझे यह बहुत मुश्किल फैसला लेना पड़ा कि मैं इसे बेच दूं।' पायमन ने उम्मीद जताई कि कोई ऐसा व्यक्ति आगे आएगा जो रॉयल होटल के भविष्य के लिए उनके सपने को पूरा करेगा। वह चाहते हैं कि कोई इसे खरीदे और प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाए, न कि इसे अपार्टमेंट में बदल दे।
जैकोबियन शैली में बना है होटलयह होटल 1878 में ड्यूक ऑफ बुक्लेच ने जैकोबियन शैली में बनवाया था। साल 1896 में उन्होंने इसे ब्रुअर्स पिकरिंग, फिप्स एंड कंपनी को बेच दिया था। चार्ल्स डिकेंस साल 1835 में नॉर्थहैम्पटनशायर चुनावों को कवर करने के लिए मॉर्निंग क्रॉनिकल के रिपोर्टर के तौर पर इस होटल में रुके थे। साल 1844 में इस होटल का नाम बदल दिया गया। जब क्वीन विक्टोरिया स्टैमफोर्ड, लिंक्स जाते समय कमरे नंबर 12 में रुकी थीं, तब इसका नाम रॉयल होटल कर दिया गया।
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