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The Hunt में खुलेंगे राजीव गांधी हत्याकांड के गहरे राज, दमदार ट्रेलर रिलीज, जानिए OTT पर कब रिलीज होगी वेब सीरीज

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इंडियन हाई कमिश्नर के ऑफिस में आया एक फोन। पूछा- क्या राजीव गांधी जिंदा हैं! क्या राजीव गांधी जिंदा हैं!! बस। इसके बाद 21 मई 1991 को देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री के साथ जो हुआ, वो काला दिन, इतिहास के पन्नों में अभी भी दर्ज है। वो हत्या, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। वो आत्मघाती बम विस्फोट, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया। इस हत्या के बाद क्या हुआ, अगर आप ये जानना चाहते हैं तो आपको सारे सवालों के जवाब 'द हंट - द राजीव गांधी हत्याकांड' शो में मिलेंगे। इसका ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है। जानिए इसे कब और कहां देख सकते हैं।



The Hunt - The Rajiv Gandhi Assassination Case का ट्रेलर ये दिखाता है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद क्या-क्या हुआ। दिल्ली में PM ऑफिस में हलचल मची है। देर रात मीटिंग होती है। सभी अनुमान लगा रहे हैं कि इस हत्या के पीछे आखिर किसका हाथ है! फिर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई जाती है। कैसे वो एक-एक पहलू पर जांच करती है। इस जांच में कई खुलासे होते हैं। ऊपर से दबाव आता है। और भी बहुत कुछ। हत्या की जांच कर रहे अमित सियाल का किरदार कहता है- 'राजीव गांधी हत्याकांड को कैनेडी जैसी जांच नहीं बनने देंगे।'





देखिए, 'द हंट- द राजीव गांधी एसेसिनेशन' का ट्रेलर





कब और कहां देखें शो?

'द हंट - द राजीव गांधी हत्याकांड' अगले महीने से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगा। इसे आप 4 जुलाई 2025 से सोनी लिव पर देख सकेंगे।



'द हंट...' की कास्ट

सच्ची घटना पर आधारित इस शो का डायरेक्शन Nagesh Kukunoor ने किया है। कलाकारों की फेहरिस्त में अमित सियाल, साहिल वैद, भगवती पेरुमल, दानिश इकबाल, गिरीश शर्मा, विद्युत गार्गी, शफीक मुस्तफा हैं।



चुनावी रैली में हुई थी राजीव गांधी की हत्या

बता दें कि साल 1980 में इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही दो अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद राजीव गांधी के हाथों में देश की कमान सौंपी गई थी। वो 2 दिसंबर 1989 तक पीएम थे। जब उनकी हत्या हुई, तब देश की कमान चंद्रशेखर के हाथ में थी। राजीव की हत्या तब हुई, जब वो तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर एक चुनावी रैली में शामिल हुए थे। लिट्टे के उग्रवादियों ने उनकी हत्या की थी। एक धनु नाम की महिला फूलों का हार लेकर उनके पास आई। उनके पैर छूने के लिए झुकी और अपने शरीर को बम से उड़ा दिया। हमला इतना तेज था कि राजीव गांधी सहित 18 लोग मारे गए थे। धनु और कोई नहीं, LTTE की आत्मघाती हमलावर थी।

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