नई दिल्ली: एशिया कप, 2025 में भारत के हाथों करारी हार के बाद पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी मैदान से ही ट्रॉफी ले उड़े। वजह ये बताई कि टीम इंडिया के कैप्टन सूर्यकुमार यादव ने नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। दरअसल, नकवी ने फाइनल मैच से पहले एक्स पर एक ट्वीट कर दिया था, जिसमें 'फाइनल डे' टाइटल वाली एक तस्वीर भी शामिल है। तस्वीर में पाक टीम के कप्तान सलमान आगा और तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी समेत पाकिस्तानी क्रिकेटर फ्लाइट सूट पहने नजर आ रहे हैं, जिसकी पृष्ठभूमि में लड़ाकू विमानों की तस्वीरें हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि भारतीय टीम का यह कदम पूरी तरह सही था और बोर्ड इस मामले को लेकर नवंबर में होने वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की बैठक में मोहसिन के खिलाफ शिकायत की जाएगी। सैकिया ने कहा, भारत उस व्यक्ति से ट्रॉफी नहीं ले सकता जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध छेड़े बैठा है। हमने ट्रॉफी नहीं ली, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई इसे और मेडल्स को अपने होटल ले जाए। यह बचकाना व्यवहार है और हम इसका विरोध करेंगे। हालांकि, ताजा अपडेट के अनुसार, मोहसिन ने बीसीसीआई से माफी मांग ली है। मगर, वह अब भी इस मांग पर अड़े हुए हैं कि टीम इंडिया के कैप्टन सूर्यकुमार यादव खुद आकर ट्रॉफी ले जाएं। जानते हैं कि कौन हैं मोहसिन नकवी, वह कैसे पाकिस्तान की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे?
सोशल मीडिया पर मोहसिन को कहा जा रहा ट्रॉफी चोर
सोशल मीडिया पर लोगों ने मोहसिन नकवी की इस हरकत पर उन्हें 'ट्रॉफी चोर' कहकर जमकर ट्रोल किया जा रहा। यूजर्स ने मोहसिन नकवी की एशिया कप ट्रॉफी लेकर भागते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(AI) से तैयार की गई तस्वीरें शेयर कीं और उनका एक वांटेड पोस्टर भी वायरल हो गया। पाकिस्तान टुडे की एक खबर के अनुसार, नकवी का जन्म 28 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तानी पंजाब के लाहौर में एक सैयद पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ था, जिनकी पैतृक जड़ें झांग से जुड़ी थीं। कम उम्र में ही अनाथ हो जाने के बाद नकवी मामा के यहां पले-बढ़े। इस बीच, एशियन क्रिकेट काउंसिल की बैठक में मोहसिन ने कहा-जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। सूर्यकुमार दुबई आकर ट्रॉफी ले जाएं।
अमेरिकी न्यूज चैनल के लिए की रिपोर्टिंग, पाक में हैं 5 चैनल
मोहसिन नकवी ने अमेरिका के ओहायो यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह अमेरिकी केबल न्यूज चैनल CNN में इंटर्नशिप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। 2009 में, नकवी ने सिटी न्यूज नेटवर्क की स्थापना की, जिसका पहला टेलीविजन चैनल C42 था, जिसका नाम बाद में बदलकर सिटी 42 कर दिया गया। बाद में इस मीडिया समूह का विस्तार हुआ और इसमें 24 न्यूज, चैनल 21, सिटी 41, रोही जैसे अतिरिक्त टेलीविजन चैनल और एक समाचार पत्र भी शामिल हो गया। यूनाइटेड किंगडम स्थित चैनल C44 के लॉन्च के साथ मोहसिन के नेटवर्क ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय मौजूदगी भी बनाई।
900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में मोहसिन का नाम
द नेशन की 2009 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 9/11 के हमलों के बाद की अवधि के दौरान उन्हें दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रमुख बनाया गया। 2009 में जब नकवी CNN से जुड़े थे, तब उन पर हारिस स्टील मिल्स के मालिक से जुड़े 900 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। बताया गया कि नकवी ने हारिस स्टील के मालिक शेख अफजल से 35 लाख रुपये का भुगतान स्वीकार किया था। इसका मकसद लाहौर हाईकोर्ट के एक जज के साथ अपने कथित संबंधों का लाभ उठाकर सर्वोच्च न्यायालय में बरी होने में मदद करना था। उन्होंने 2009 तक सीएनएन के लिए इस क्षेत्र की रिपोर्टिंग जारी रखी।
फौज के इशारे पर बनाए गए पंजाब के कार्यवाहक सीएम
द डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहसिन सेना के करीब आते चले गए। उन्हें 22 जनवरी, 2023 को पंजाब का कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया। वह 2023 से 2024 तक इस पद पर रहे। नकवी की नियुक्ति की आलोचना हुई, खासकर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह कहकर विरोध जताया कि मोहसिन पाक फौज के आदमी हैं। पीटीआई ने इस नियुक्ति के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की। 8 फरवरी को 2024 के पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद परवेज इलाही ने नकवी पर नागरिकों का जनादेश चुराने का दोषी होने का आरोप लगाया। नकवी ने 23 फरवरी, 2024 को पंजाब प्रांतीय मंत्रिमंडल की अंतिम विदाई बैठक बुलाई।
2024 में ही मोहसिन बनाए गए पाकिस्तान के गृहमंत्री
पाकिस्तानी अखबार दैनिक ट्रिब्यून ने मार्च 2024 में ऐसी खबर दी थी कि शहबाज शरीफ के संघीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री के पद के लिए मोहसिन नकवी पर विचार किया जा रहा था। इस नामांकन को शुरू में पीएमएल-एन और पीपीपी ने नामंजूर कर दिया था। पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि नकवी उनकी पार्टी के उम्मीदवार नहीं थे, जबकि पीपीपी के एक नेता ने उन्हें 'रावलपिंडी मैन' कहा था। यह शब्द उनके लिए इस्तेमाल होता है, जो पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के बेहद करीब माने जाते हैं। 11 मार्च 2024 को नकवी ने संघीय आंतरिक और नारकोटिक्स नियंत्रण मंत्री के रूप में शपथ ली।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए नकवी
22 जनवरी, 2024 को कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर ने मोहसिन नकवी को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के शासी बोर्ड में नियुक्त किया। पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहते हुए नकवी उसी साल 6 फरवरी को तीन साल के कार्यकाल के लिए पीसीबी के 37वें अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए। 2024 के पाकिस्तान सुपर लीग और आम चुनाव से कुछ समय पहले हुई उनकी नियुक्ति की क्रिकेट प्रशासन में उनके सीमित अनुभव को लेकर कुछ हलकों से आलोचना हुई। मार्च 2024 में, नकवी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय क्रिकेट चयन समिति का पुनर्गठन किया गया।
भ्रष्ट होने के बाद भी बना दिए गए ACC प्रेसीडेंट
2024 आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप से पाकिस्तान के जल्दी बाहर होने के बाद नकवी ने कहा था कि टीम को बड़ी सर्जरी की जरूरत है। संसदीय सत्रों के दौरान सांसदों ने गृह मंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन की भी आलोचना की और खेल एवं आव्रजन से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। मगर, मोहसिन का ग्राफ बढ़ता ही गया। अप्रैल 2025 में नकवी ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रेसीडेंट भी बना दिए गए।
नकवी की बीवी के नाम दुबई में अकूत संपत्ति
नकवी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज़ इलाही के बहनोई अशरफ मार्थ की बेटी वर्दा अशरफ से शादी की। 1997 में लश्कर-ए-झांगवी के आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने से पहले अशरफ मार्थ एसएसपी गुजरांवाला थे। नकवी के आसिफ अली जरदारी के साथ भी घनिष्ठ संबंध होने की बात भी सामने आ चुकी है। द डॉन के अनुसार, मई 2024 में, उनकी पत्नी अशरफ का नाम एक डेटा लीक में सामने आया, जिसमें दुबई में उनकी संपत्तियों के स्वामित्व का खुलासा हुआ। उनके पास दुबई में अकूत संपत्ति है।
सोशल मीडिया पर मोहसिन को कहा जा रहा ट्रॉफी चोर
सोशल मीडिया पर लोगों ने मोहसिन नकवी की इस हरकत पर उन्हें 'ट्रॉफी चोर' कहकर जमकर ट्रोल किया जा रहा। यूजर्स ने मोहसिन नकवी की एशिया कप ट्रॉफी लेकर भागते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(AI) से तैयार की गई तस्वीरें शेयर कीं और उनका एक वांटेड पोस्टर भी वायरल हो गया। पाकिस्तान टुडे की एक खबर के अनुसार, नकवी का जन्म 28 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तानी पंजाब के लाहौर में एक सैयद पंजाबी मुस्लिम परिवार में हुआ था, जिनकी पैतृक जड़ें झांग से जुड़ी थीं। कम उम्र में ही अनाथ हो जाने के बाद नकवी मामा के यहां पले-बढ़े। इस बीच, एशियन क्रिकेट काउंसिल की बैठक में मोहसिन ने कहा-जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था। सूर्यकुमार दुबई आकर ट्रॉफी ले जाएं।
Minister ❌ Trophy Chor✅🤣#AsiaCup2025 #INDvsPAK pic.twitter.com/LZllaDHW7x
— Sachin Rajput (@SachinR02650855) September 29, 2025
अमेरिकी न्यूज चैनल के लिए की रिपोर्टिंग, पाक में हैं 5 चैनल
मोहसिन नकवी ने अमेरिका के ओहायो यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह अमेरिकी केबल न्यूज चैनल CNN में इंटर्नशिप के साथ अपने करियर की शुरुआत की। 2009 में, नकवी ने सिटी न्यूज नेटवर्क की स्थापना की, जिसका पहला टेलीविजन चैनल C42 था, जिसका नाम बाद में बदलकर सिटी 42 कर दिया गया। बाद में इस मीडिया समूह का विस्तार हुआ और इसमें 24 न्यूज, चैनल 21, सिटी 41, रोही जैसे अतिरिक्त टेलीविजन चैनल और एक समाचार पत्र भी शामिल हो गया। यूनाइटेड किंगडम स्थित चैनल C44 के लॉन्च के साथ मोहसिन के नेटवर्क ने अपनी अंतर्राष्ट्रीय मौजूदगी भी बनाई।
Trophy Chor 😂 pic.twitter.com/mexOltjzJK
— Gagan🇮🇳 (@1no_aalsi_) September 29, 2025
900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में मोहसिन का नाम
द नेशन की 2009 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 9/11 के हमलों के बाद की अवधि के दौरान उन्हें दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रमुख बनाया गया। 2009 में जब नकवी CNN से जुड़े थे, तब उन पर हारिस स्टील मिल्स के मालिक से जुड़े 900 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। बताया गया कि नकवी ने हारिस स्टील के मालिक शेख अफजल से 35 लाख रुपये का भुगतान स्वीकार किया था। इसका मकसद लाहौर हाईकोर्ट के एक जज के साथ अपने कथित संबंधों का लाभ उठाकर सर्वोच्च न्यायालय में बरी होने में मदद करना था। उन्होंने 2009 तक सीएनएन के लिए इस क्षेत्र की रिपोर्टिंग जारी रखी।
फौज के इशारे पर बनाए गए पंजाब के कार्यवाहक सीएम
द डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहसिन सेना के करीब आते चले गए। उन्हें 22 जनवरी, 2023 को पंजाब का कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया। वह 2023 से 2024 तक इस पद पर रहे। नकवी की नियुक्ति की आलोचना हुई, खासकर इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह कहकर विरोध जताया कि मोहसिन पाक फौज के आदमी हैं। पीटीआई ने इस नियुक्ति के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की। 8 फरवरी को 2024 के पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद परवेज इलाही ने नकवी पर नागरिकों का जनादेश चुराने का दोषी होने का आरोप लगाया। नकवी ने 23 फरवरी, 2024 को पंजाब प्रांतीय मंत्रिमंडल की अंतिम विदाई बैठक बुलाई।
2024 में ही मोहसिन बनाए गए पाकिस्तान के गृहमंत्री
पाकिस्तानी अखबार दैनिक ट्रिब्यून ने मार्च 2024 में ऐसी खबर दी थी कि शहबाज शरीफ के संघीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री के पद के लिए मोहसिन नकवी पर विचार किया जा रहा था। इस नामांकन को शुरू में पीएमएल-एन और पीपीपी ने नामंजूर कर दिया था। पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि नकवी उनकी पार्टी के उम्मीदवार नहीं थे, जबकि पीपीपी के एक नेता ने उन्हें 'रावलपिंडी मैन' कहा था। यह शब्द उनके लिए इस्तेमाल होता है, जो पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के बेहद करीब माने जाते हैं। 11 मार्च 2024 को नकवी ने संघीय आंतरिक और नारकोटिक्स नियंत्रण मंत्री के रूप में शपथ ली।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए नकवी
22 जनवरी, 2024 को कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर ने मोहसिन नकवी को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के शासी बोर्ड में नियुक्त किया। पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहते हुए नकवी उसी साल 6 फरवरी को तीन साल के कार्यकाल के लिए पीसीबी के 37वें अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए। 2024 के पाकिस्तान सुपर लीग और आम चुनाव से कुछ समय पहले हुई उनकी नियुक्ति की क्रिकेट प्रशासन में उनके सीमित अनुभव को लेकर कुछ हलकों से आलोचना हुई। मार्च 2024 में, नकवी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय क्रिकेट चयन समिति का पुनर्गठन किया गया।
भ्रष्ट होने के बाद भी बना दिए गए ACC प्रेसीडेंट
2024 आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप से पाकिस्तान के जल्दी बाहर होने के बाद नकवी ने कहा था कि टीम को बड़ी सर्जरी की जरूरत है। संसदीय सत्रों के दौरान सांसदों ने गृह मंत्री के रूप में उनके प्रदर्शन की भी आलोचना की और खेल एवं आव्रजन से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। मगर, मोहसिन का ग्राफ बढ़ता ही गया। अप्रैल 2025 में नकवी ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रेसीडेंट भी बना दिए गए।
नकवी की बीवी के नाम दुबई में अकूत संपत्ति
नकवी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज़ इलाही के बहनोई अशरफ मार्थ की बेटी वर्दा अशरफ से शादी की। 1997 में लश्कर-ए-झांगवी के आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने से पहले अशरफ मार्थ एसएसपी गुजरांवाला थे। नकवी के आसिफ अली जरदारी के साथ भी घनिष्ठ संबंध होने की बात भी सामने आ चुकी है। द डॉन के अनुसार, मई 2024 में, उनकी पत्नी अशरफ का नाम एक डेटा लीक में सामने आया, जिसमें दुबई में उनकी संपत्तियों के स्वामित्व का खुलासा हुआ। उनके पास दुबई में अकूत संपत्ति है।
You may also like
केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: DA-DR में 3% की बढ़ोतरी, जानें कब से लागू!
बांग्लादेश के लिए अब कभी नहीं खेलेंगे शाकिब अल हसन, खेल सलाहकार का बड़ा बयान
पत्नी के नहाने का Video बना` रहा` था शख्स, कैमरे में कैद हुई डरावनी चीज, कमजोर दिल वाले न देखें
श्रेयस अय्यर को अब वापसी से कोई नहीं रोक सकता... ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 75 गेंद में ठोका शतक, टीम इंडिया का बुलावा तय
बच्चन परिवार की पहली फिल्म: 17 साल पुरानी 'सरकार राज'