पटना: महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित एक मदरसा में करंट लगने से एक बच्चे की मौत के बाद प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी में वहाँ रह रहे बच्चों को मुक्त कराया गया, जिनमें अररिया जिले के 79 बच्चे शामिल थे। कोल्हापुर बाल कल्याण समिति ने इन बच्चों को समाज कल्याण विभाग पटना को सौंपा, जहाँ से सरकारी निगरानी में सभी बच्चों को शुक्रवार को अररिया लाया गया। अररिया में इन बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, जो उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद तत्काल उनके माता-पिता को सौंपने की प्रक्रिया में जुटी है।
दो बच्चों सहित तीन की मौत
पटना के सिगोड़ी थाना क्षेत्र के करहरा गांव में गुरुवार देर रात फूड पॉइजनिंग की आशंका से एक ही परिवार के तीन सदस्यों—पिता नीरज साव (35) और उनके दो बेटों निर्मल कुमार (8) व निर्भय कुमार (4)—की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के ससुर भरत साव ने बताया कि दशहरा मेला और रावण वध देखकर घर लौटने के बाद तीनों ने रात में रोटी-सब्जी खाई थी, जिसके बाद देर रात उन्हें पेट दर्द शुरू हुआ। पिता और बड़े बेटे को इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई, जबकि छोटे बेटे की मौत घर पर ही हो गई। डीएसपी-1 राजीव चंद्र सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए इसे प्रथम दृष्टया फूड पॉइजनिंग का मामला बताया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा।
नाबालिग बच्ची से गैंगरेप
मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र में दुर्गा पूजा मेला देखकर घर लौट रही 12 वर्षीय नाबालिग छात्रा (कक्षा छठी) के साथ दो बाइक पर सवार चार युवकों ने उसे पास के सुनसान बगीचे में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। बच्ची के पिता की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर हालत में करजा पीएचसी से एसकेएमसीएच रेफर किया है, जहाँ उसका इलाज जारी है। घटना के बाद ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने बताया कि बच्ची के बयान के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी जारी है।
कैमूर पहुंचा जवान का शव
जम्मू-कश्मीर के कटरा में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में तैनात कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के सरेवां गांव निवासी जवान पप्पू राम की मौत हो गई, जिनका पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुँचा, जहाँ गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। हालाँकि, सीआरपीएफ द्वारा जवान की मौत का कारण आत्महत्या (सुसाइड) बताया जा रहा है और एक सुसाइड लेटर भी दिया गया है, लेकिन परिजनों ने इस पर संदेह व्यक्त किया है। जवान के बहनोई विकल्प कुमार ने सीआरपीएफ पर लापरवाही और मौत की सही सूचना न देने का आरोप लगाते हुए, सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है, क्योंकि जवान 10 दिन पहले ही हवलदार के पद पर प्रमोट हुए थे और अपने माता-पिता के एकमात्र पुत्र थे।
दो बच्चों सहित तीन की मौत
पटना के सिगोड़ी थाना क्षेत्र के करहरा गांव में गुरुवार देर रात फूड पॉइजनिंग की आशंका से एक ही परिवार के तीन सदस्यों—पिता नीरज साव (35) और उनके दो बेटों निर्मल कुमार (8) व निर्भय कुमार (4)—की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के ससुर भरत साव ने बताया कि दशहरा मेला और रावण वध देखकर घर लौटने के बाद तीनों ने रात में रोटी-सब्जी खाई थी, जिसके बाद देर रात उन्हें पेट दर्द शुरू हुआ। पिता और बड़े बेटे को इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई, जबकि छोटे बेटे की मौत घर पर ही हो गई। डीएसपी-1 राजीव चंद्र सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए इसे प्रथम दृष्टया फूड पॉइजनिंग का मामला बताया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा।
नाबालिग बच्ची से गैंगरेप
मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र में दुर्गा पूजा मेला देखकर घर लौट रही 12 वर्षीय नाबालिग छात्रा (कक्षा छठी) के साथ दो बाइक पर सवार चार युवकों ने उसे पास के सुनसान बगीचे में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। बच्ची के पिता की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर हालत में करजा पीएचसी से एसकेएमसीएच रेफर किया है, जहाँ उसका इलाज जारी है। घटना के बाद ग्रामीण एसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने बताया कि बच्ची के बयान के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी जारी है।
कैमूर पहुंचा जवान का शव
जम्मू-कश्मीर के कटरा में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में तैनात कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र के सरेवां गांव निवासी जवान पप्पू राम की मौत हो गई, जिनका पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव पहुँचा, जहाँ गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। हालाँकि, सीआरपीएफ द्वारा जवान की मौत का कारण आत्महत्या (सुसाइड) बताया जा रहा है और एक सुसाइड लेटर भी दिया गया है, लेकिन परिजनों ने इस पर संदेह व्यक्त किया है। जवान के बहनोई विकल्प कुमार ने सीआरपीएफ पर लापरवाही और मौत की सही सूचना न देने का आरोप लगाते हुए, सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है, क्योंकि जवान 10 दिन पहले ही हवलदार के पद पर प्रमोट हुए थे और अपने माता-पिता के एकमात्र पुत्र थे।
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