नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में अमूमन हालिया सालों में टीम इंडिया के कोच और खिलाड़ियों के बीच मधुर रिश्ते ही देखने को मिले हैं। कुछ मौकों को छोड़ दें तो गैरी कर्स्टन, रवि शास्त्री, राहुल द्रविड़ हों या अब गौतम गंभीर, टीम के हेड कोच और भारतीय क्रिकेटरों के बीच खास बॉन्डिंग ने ड्रेसिंग रूम में गजब माहौल पैदा किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में हेड कोच के खिलाफ खिलाड़ियों की खुलेआम बगावत भी देखने को मिल चुकी है। यदि आप सोच रहे हैं कि ये पूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्रेग चैपल के टीम इंडिया का हेड कोच बनने के दौर की बात है, जब सौरव गांगुली और उनके बीच टकराव खुलेआम मीडिया की सुर्खियां बना था, तो आप गलत हैं। यह उससे करीब एक दशक पहले की बात है, जब खिलाड़ियों की बगावत के चलते भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को हेड कोच को ही ड्रेसिंग रूम से फायर करना पड़ गया था।
बीच दौरे पर खिलाड़ियों की आलोचना करना पड़ा था भारीदरअसल हम जिस घटना की बात कर रहे हैं, वो टीम इंडिया के 1997 में श्रीलंका दौरे से जुड़ी हुई है। 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के अहम मेंबर रहे मदन लाल श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के हेड कोच थे। मदन लाल ने दौरे के बीच में एक न्यूजपेपर को बेहद तीखा इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने अपनी ही टीम के प्लेयर्स की खुलेआम आलोचना कर दी थी। BCCI के पूर्व मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘On Board—My Years in BCCI’में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम की इस इनसाइड स्टोरी का खुलासा किया था, जिसे हाल ही में एक इंस्टाग्राम चैनल ने वीडियो के जरिये पेश किया। इससे यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है।
जडेजा से कुंबले तक पर किया था कमेंटरत्नाकर शेट्टी ने एक भारतीय अंग्रेजी अखबार को दिए मदन लाल के इंटरव्यू का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने श्रीलंका टूर पर टीम के साथ मौजूद अजय जडेजा, रॉबिन सिंह, सबा करीम और अनिल कुंबले जैसे सीनियर क्रिकेटर्स की आलोचना की थी। मदन लाल ने कहा था कि अजय जडेजा को यह तय करना होगा कि वह एक बल्लेबाज के तौर पर खेल रहा है या गेंदबाज के रूप में। साथ ही उन्होंने कहा था कि आप एक मैच में बढ़िया खेलकर अगले 5 मैच में फेल नहीं हो सकते हैं। उन्होंने रॉबिन सिंह को ऐसे क्रिकेटर के तौर पर परिभाषित किया था,जो कड़ी मेहनत करता है, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर ऑलराउंडर नहीं माना जा सकता है। मदन लाल ने सबा करीम को औसत विकेटकीपर बताकर खारिज कर दिया था, जो बैटिंग से मैच नहीं जीत सकता है। उन्होंने उस समय भारत के नंबर-1 स्पिनर अनिल कुंबले को भी नहीं बख्शा था। मदन लाल ने कहा था कि वे कुंबले की गेंदबाजी से खुश नहीं हैं। उसे टर्न से ज्यादा लाइन-लेंग्थ पर ध्यान देना चाहिए। इंटरव्यू के आखिर में मदन लाल ने यह कहकर ताबूत में कील ठोक दी थी कि मैं जानता हूं हम नहीं जीत रहे हैं, लेकिन मैं अकेला क्या कर सकता हूं?
टीम ड्रेसिंग रूम में मच गया था हंगामामदन लाल के इस इंटरव्यू ने टीम इंडिया के ड्रेसिंगरूम में हंगामा खड़ा कर दिया था। साथ ही बीसीसीआई को भी हिला दिया था। रत्नाकर शेट्टी के मुताबिक, उन्होंने इंटरव्यू लेने वाले जर्नलिस्ट से कॉन्टेक्ट किया तो उन्होंने यह पुष्टि की कि मदन लाल ने इंटरव्यू पब्लिश होने से पहले अपनी टिप्पणियों की पुष्टि की थी। इससे ड्रेसिंग रूम में मदन लाल के खिलाफ वर्चुअल विद्रोह जैसी स्थिति पैदा हो गई। खिलाड़ियों ने कई दिन तक अपने कोच से बात करनी बंद कर दी, जिससे टीम में बर्फीला और असहज माहौल पैदा हो गया।
सेंचुरी बनाकर गलत इशारा करने से बढ़ गई बातशेट्टी की किताब के मुताबिक, ड्रेसिंग रूम की यह टेंशन तब पीक पर पहुंच गई, जब इंटरव्यू में मदन लाल की आलोचना का शिकार हुए एक प्लेयर ने वनडे सीरीज में शतक बना दिया। इस प्लेयर ने शतक बनाने के बाद अपने बल्ले के हैंडल से मीडिया बॉक्स की तरफ गलत इशारे के साथ जश्न मनाया, जिसे सीधे तौर पर उसका कोच को मैसेज देना माना गया। उस मैच में अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरुद्दीन, दोनों ने शतक बनाया था, लेकिन शेट्टी की किताब में प्लेयर का नाम नहीं दिया गया है।
मदन लाल की चली गई नौकरीइस विवाद के चलते ड्रेसिंग रूम में तनाव इतना बढ़ गया कि बीसीसीआई को सख्त कदम उठाना पड़ा। मदन लाल को हेड कोच के पद से बर्खास्त कर दिया गया। उनकी जगह अंशुमन गायकवाड़ नए हेड कोच बने। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट इतिहास के 10 महीने लंबे सबसे विवादित कोचिंग कार्यकालों में से एक खत्म हो गया।
बीच दौरे पर खिलाड़ियों की आलोचना करना पड़ा था भारीदरअसल हम जिस घटना की बात कर रहे हैं, वो टीम इंडिया के 1997 में श्रीलंका दौरे से जुड़ी हुई है। 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के अहम मेंबर रहे मदन लाल श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के हेड कोच थे। मदन लाल ने दौरे के बीच में एक न्यूजपेपर को बेहद तीखा इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने अपनी ही टीम के प्लेयर्स की खुलेआम आलोचना कर दी थी। BCCI के पूर्व मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘On Board—My Years in BCCI’में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम की इस इनसाइड स्टोरी का खुलासा किया था, जिसे हाल ही में एक इंस्टाग्राम चैनल ने वीडियो के जरिये पेश किया। इससे यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है।
जडेजा से कुंबले तक पर किया था कमेंटरत्नाकर शेट्टी ने एक भारतीय अंग्रेजी अखबार को दिए मदन लाल के इंटरव्यू का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने श्रीलंका टूर पर टीम के साथ मौजूद अजय जडेजा, रॉबिन सिंह, सबा करीम और अनिल कुंबले जैसे सीनियर क्रिकेटर्स की आलोचना की थी। मदन लाल ने कहा था कि अजय जडेजा को यह तय करना होगा कि वह एक बल्लेबाज के तौर पर खेल रहा है या गेंदबाज के रूप में। साथ ही उन्होंने कहा था कि आप एक मैच में बढ़िया खेलकर अगले 5 मैच में फेल नहीं हो सकते हैं। उन्होंने रॉबिन सिंह को ऐसे क्रिकेटर के तौर पर परिभाषित किया था,जो कड़ी मेहनत करता है, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर ऑलराउंडर नहीं माना जा सकता है। मदन लाल ने सबा करीम को औसत विकेटकीपर बताकर खारिज कर दिया था, जो बैटिंग से मैच नहीं जीत सकता है। उन्होंने उस समय भारत के नंबर-1 स्पिनर अनिल कुंबले को भी नहीं बख्शा था। मदन लाल ने कहा था कि वे कुंबले की गेंदबाजी से खुश नहीं हैं। उसे टर्न से ज्यादा लाइन-लेंग्थ पर ध्यान देना चाहिए। इंटरव्यू के आखिर में मदन लाल ने यह कहकर ताबूत में कील ठोक दी थी कि मैं जानता हूं हम नहीं जीत रहे हैं, लेकिन मैं अकेला क्या कर सकता हूं?
टीम ड्रेसिंग रूम में मच गया था हंगामामदन लाल के इस इंटरव्यू ने टीम इंडिया के ड्रेसिंगरूम में हंगामा खड़ा कर दिया था। साथ ही बीसीसीआई को भी हिला दिया था। रत्नाकर शेट्टी के मुताबिक, उन्होंने इंटरव्यू लेने वाले जर्नलिस्ट से कॉन्टेक्ट किया तो उन्होंने यह पुष्टि की कि मदन लाल ने इंटरव्यू पब्लिश होने से पहले अपनी टिप्पणियों की पुष्टि की थी। इससे ड्रेसिंग रूम में मदन लाल के खिलाफ वर्चुअल विद्रोह जैसी स्थिति पैदा हो गई। खिलाड़ियों ने कई दिन तक अपने कोच से बात करनी बंद कर दी, जिससे टीम में बर्फीला और असहज माहौल पैदा हो गया।
सेंचुरी बनाकर गलत इशारा करने से बढ़ गई बातशेट्टी की किताब के मुताबिक, ड्रेसिंग रूम की यह टेंशन तब पीक पर पहुंच गई, जब इंटरव्यू में मदन लाल की आलोचना का शिकार हुए एक प्लेयर ने वनडे सीरीज में शतक बना दिया। इस प्लेयर ने शतक बनाने के बाद अपने बल्ले के हैंडल से मीडिया बॉक्स की तरफ गलत इशारे के साथ जश्न मनाया, जिसे सीधे तौर पर उसका कोच को मैसेज देना माना गया। उस मैच में अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरुद्दीन, दोनों ने शतक बनाया था, लेकिन शेट्टी की किताब में प्लेयर का नाम नहीं दिया गया है।
मदन लाल की चली गई नौकरीइस विवाद के चलते ड्रेसिंग रूम में तनाव इतना बढ़ गया कि बीसीसीआई को सख्त कदम उठाना पड़ा। मदन लाल को हेड कोच के पद से बर्खास्त कर दिया गया। उनकी जगह अंशुमन गायकवाड़ नए हेड कोच बने। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट इतिहास के 10 महीने लंबे सबसे विवादित कोचिंग कार्यकालों में से एक खत्म हो गया।
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