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364 मकान और 1,761 लोग... गुजरात का यह अनजान गांव कैसे बना देश का सबसे कमाऊ टोल प्लाजा?

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नई दिल्ली: करजन टोल प्लाजा देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा है। इसकी सालाना कमाई करीब 500 करोड़ रुपये है। गुजरात के वडोदरा जिले के भरथाना में स्थित इस टोल प्लाजा ने लगातार चार साल तक 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। यह एक ऐसे गांव से चल रहा है जिसमें 2011 की जनगणना के मुताबिक 364 घर और 1,761 लोग हैं। यह प्लाजा NH-48 पर स्थित है जो दिल्ली और मुंबई के बीच अभी मुख्य और एकमात्र राजमार्ग है। यह चेन्नई तक जाता है और उत्तर, पश्चिम और दक्षिण के राज्यों को जोड़ता है।यह राजमार्ग तमिलनाडु और हरियाणा के ऑटोमोबाइल हब को जोड़ता है। यह गुजरात के औद्योगिक शहरों और दाहेज बंदरगाह का प्रवेश द्वार है। उत्तर में इसका एक हिस्सा दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के रूप में जाना जाता है। पश्चिम में एक और हिस्सा अहमदाबाद-मुंबई राजमार्ग के रूप में जाना जाता है। करजन टोल प्लाजा वडोदरा और मुंबई के बीच औद्योगिक मार्ग पर है। गुजरात भारत का प्रमुख रसायन और पेट्रोकेमिकल निर्माण केंद्र है। कमाई का राज ज्यादातर यूनिट्स मध्य और दक्षिण गुजरात में हैं। यहां तक पहुंचने का रास्ता करजन से होकर जाता है। इस वजह से और दाहेज बंदरगाह से माल की आवाजाही के कारण प्लाजा पर आने वाले लगभग 65% गाड़ियां कमर्शियल होती हैं। इनमें कंटेनर, ट्रक और टैंकर आदि शामिल हैं। प्लाजा का प्रबंधन प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवेज (PATH) इंडिया लिमिटेड द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से किया जाता है।प्लाजा के ऑपरेशंस मैनेजर रंगेश मिश्रा ने कहा कि यात्रियों के लिए यह सिर्फ एक और टोल प्लाजा है, लेकिन हमारे लिए, यह उत्तर-दक्षिण को सुचारू रूप से चलाने के बारे में है।यह टोल प्लाजा 2009 में बना था। यह कई साल से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है क्योंकि गुजराती की फैक्ट्रियां मुंबई के बंदरगाहों तक अपना सामान पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। गुजरात के सड़क और भवन विभाग के सचिव पी आर पटेलिया ने कहा कि औद्योगिक यातायात के अलावा करजन यात्री वाहनों से भी टोल वसूलता है। फास्टैग की शुरुआतइससे पहले करजन टोल प्लाजा 13 साल पहले सुर्खियों में आया था। तब एक पूर्व सांसद विट्ठल रादड़िया ने एक झगड़े के दौरान टोल प्लाजा के एक कर्मचारी पर अपनी पिस्तौल तान दी थी। इस प्लाजा में 24 घंटे तीन शिफ्टों में होता है। यहां 190 कर्मचारी हैं जिनका नेतृत्व चार मैनेजर करते हैं। इनमें से लगभग 80 कर्मचारी टोल वसूलने में लगे हैं। इसी तरह 33 कर्मचारी ड्राइवरों की मदद के लिए लेन में तैनात रहते हैं। पांच कर्मचारी IT में काम करते हैं। बाकी सफाई और रखरखाव का काम करते हैं।इतना व्यस्त होने के बावजूद इस टोल पर कभी जाम नहीं लगता है। अक्सर यहां से गुजरने वाले एक ट्रांसपोर्टर प्रीतेश शाह ने कहा कि प्लाजा के दोनों तरफ 11 टोल लेन हैं और FASTag सुचारू रूप से चलता है। इसलिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। करजन NHAI के FASTag पायलट प्रोजेक्ट के लिए टेस्ट साइट था। यहां हरी झंडी मिलने के बाद FASTag को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया गया। NHAI के पूर्व जनरल मैनेजर और प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस पी शर्मा ने कहा, 'यह लंबे समय से हमारे स्टार टोल प्लाजा में से एक रहा है। 2017 में, इस प्लाजा पर डेली टोल कलेक्शन 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था।'
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