ज्योति शर्मा, मथुरा: वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ अब एक अजीबोगरीब समस्या का कारण बन गई है। दर्शनों के लिए उमड़े जनसैलाब के कारण मंदिर के गेट पर जूते-चप्पलों का विशाल ढेर लग गया, जिसे देखकर कुछ स्थानीय महिलाओं और बच्चों ने लूटपाट शुरू कर दी।
जब श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते हुए मंदिर के अंदर दर्शनों के लिए जा रहे थे, तो गेट के बाहर जूते-चप्पलों का ढेर जमा हो गया। इस भीड़ और अव्यवस्था का फायदा उठाते हुए कई बच्चे और महिलाएं सक्रिय हो गए। वे बड़े-बड़े थैलों में जूते-चप्पलों को भरकर ले जाने लगे। यह नजारा किसी लूट से कम नहीं था, जहां लोग दूसरों की संपत्ति को खुलेआम उठा रहे थे।
दर्शन कर बाहर लौटे भक्तों को जब अपने जूते-चप्पल अपनी जगह पर नहीं मिले, तो उनमें हड़कंप मच गया। कई भक्त अपने महंगे जूते-चप्पलों को ढेर में घंटों खोजते रहे, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। एक श्रद्धालु ने बताया कि भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि सुरक्षा व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं थी। हमने जूते बाहर उतारे थे, लेकिन वापस आकर देखा तो वे गायब थे। कुछ लोग थैलों में भरकर ले जा रहे थे।
मंदिर के बाहर मची यह 'चप्पल-जूता लूट' प्रशासनिक व्यवस्था पर एक और गंभीर सवाल खड़ा करती है। अनियंत्रित भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है, जिसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व खुलेआम चोरी और लूटपाट कर रहे हैं। भक्तों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और पुलिस प्रशासन से मंदिर के प्रवेश द्वारों पर उचित सुरक्षा और सामान रखने की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि भक्तों को ऐसी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
जब श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते हुए मंदिर के अंदर दर्शनों के लिए जा रहे थे, तो गेट के बाहर जूते-चप्पलों का ढेर जमा हो गया। इस भीड़ और अव्यवस्था का फायदा उठाते हुए कई बच्चे और महिलाएं सक्रिय हो गए। वे बड़े-बड़े थैलों में जूते-चप्पलों को भरकर ले जाने लगे। यह नजारा किसी लूट से कम नहीं था, जहां लोग दूसरों की संपत्ति को खुलेआम उठा रहे थे।
दर्शन कर बाहर लौटे भक्तों को जब अपने जूते-चप्पल अपनी जगह पर नहीं मिले, तो उनमें हड़कंप मच गया। कई भक्त अपने महंगे जूते-चप्पलों को ढेर में घंटों खोजते रहे, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। एक श्रद्धालु ने बताया कि भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि सुरक्षा व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं थी। हमने जूते बाहर उतारे थे, लेकिन वापस आकर देखा तो वे गायब थे। कुछ लोग थैलों में भरकर ले जा रहे थे।
मंदिर के बाहर मची यह 'चप्पल-जूता लूट' प्रशासनिक व्यवस्था पर एक और गंभीर सवाल खड़ा करती है। अनियंत्रित भीड़ के कारण सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है, जिसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व खुलेआम चोरी और लूटपाट कर रहे हैं। भक्तों ने इस घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और पुलिस प्रशासन से मंदिर के प्रवेश द्वारों पर उचित सुरक्षा और सामान रखने की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि भक्तों को ऐसी अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
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